Sawan 2023: हर महीने शिवरात्रि आती है और इस दिन व्रत रखने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवरात्रि की पूजा रात को 12 बजे के बाद की जाती है. इस दिन व्रत रखने से क्या लाभ होते हैं और व्रत रखने की सही विधि क्या है ये सब हम आपको बता रहे हैं. हिंदू पंचाग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. सावन के महीने में आने वाली शिवरात्रि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. कावड़ यात्रा करने वाले शिव भक्त इस दिन शिवलिंग को पवित्र जल अर्पित करते हैं. तो आप अगर इस शिवरात्रि का व्रत रखना चाहते हैं तो आपको किन नियमों का पालन करना चाहिए और इस दिन क्या नहीं करना चाहिए ये सब अभी से जान लें
शिवरात्रि व्रत के नियम
शिवरात्रि का व्रत इस साल 15 जुलाई को है तो आप सुबह सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें.
किसी भी शिव मंदिर में जाएं या फिर घर में शिव दरबार है तो आप पूरे शिव परिवार की एक साथ पूजा करें.
जल, शुद्ध घी, दूध, शक़्कर, शहद, दही आदि से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें. इस दिन ये उपाय करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं. बेलपत्र अच्छी तरह साफ़ करने के बाद ही चढ़ाएं
भगवान शिव की धुप, दीप, फल और फूल आदि से पूजा करें
शिव पूजा करते समय आप शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें.
शाम के समय आप फलहार कर सकते हैं. शिवरात्रि का व्रत करने वाले उपासकों को अन्न ग्रहण नही करना चाहिए.
शिवरात्रि का उपवास खोलने का नियम
रात 12 बजे के बाद उपवास खोलने की भूल ना करें. अगले दिन भगवान शिव की पूजा करें और दान आदि करने के बाद अपना उपवास खोलें. व्रत और उसका उद्यापन विधिवत तरीके से किया जाना चाहिए.
अगर आप इन नियमों का पालन करते हुए व्रत रखेंगे तो आपकी मनोकामना जरुर पूरी होगी
Source : News Nation Bureau