सकट चौथ आज, जानें कैसे करें विधिवत पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त
यानी सकट चौथ के दिन सबसे पहले यानी सुबह में गंगाजल बाल्टी में डालकर स्नान करें. उसके बाद पीले या लाल वस्त्र धारण करें. पूजा स्थान की सफाई कर लें.
highlights
- माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चतुर्थई व्रत रखा जाता है
- से सकट चौथ, तिलकुट चौथ, तिल चौथ, माघी चौथ आदि नामों से भी जानते हैं
व्रत और पूजा करके गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं
दिल्ली:
Sakat Chauth 2022 Puja Vidhi: आज सकट चौथ का पर्व है. इस पर्व का भी एक विशेष महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने (Magh Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चतुर्थी व्रत रखा जाता है. इसे सकंटा चौथ, तिलकुट चौथ, तिल चौथ, माघी चौथ, संकष्टी चतुर्थी आदि नामों से भी जानते हैं. इस विशेष दिन पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान गणेश जी की पूजा करती हैं. विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं और सुखी जीवन का अशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं कि सकट चौथ की व्रत एवं पूजा विधि (Vrat And Puja Vidhi) क्या है? आप भी इस प्रकार से व्रत और पूजा करके गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.
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सकट चौथ 2022 व्रत एवं पूजा करने की विधि :
1. इस त्योहार से एक दिन पहले सात्विक भोजन करें. तामसिक वस्तुओं और विचारों का सेवन बंद कर देना चाहिए. व्रत और पूजा के लिए तन, मन और कर्म से शुद्ध हो जाएं.
2. आज यानी सकट चौथ के दिन सबसे पहले यानी सुबह में गंगाजल बाल्टी में डालकर स्नान करें. उसके बाद पीले या लाल वस्त्र धारण करें. पूजा स्थान की सफाई कर लें.
3. हाथ में जल, अक्षत् और फूल लेकर सकट चौथ व्रत एवं गणेश जी की पूजा का संकल्प लें.
4. अब सुबह में दैनिक पूजा कर लें. इस दिन सौभाग्य योग सुबह से लेकर दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक है. सुबह 09:43 बजे तक मघा नक्षत्र है, जो मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं है. आप सुबह 09:43 बजे के बाद सकट चौथ की पूजा करें.
5. एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें. फिर गणेश जी का गंगाजल से अभिषेक करें. फिर चंदन या रोली लगाएं.
6. अब अक्षत्, लाल पुष्प, दूर्वा, फल, जनेऊ, सुपारी, पान का पत्ता, हल्दी, दही, शहद, मोदक, वस्त्र, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें. गणेश जी को तुलसी का पत्ता न अर्पित करें.
7. सकट चौथ पर गणेश जी को तिल से बने खाद्य पदार्थों का भोग लगाएं. इसे तिल चौथ या तिलकुट चौथ भी इस वजह से कहते हैं.
8. अब गणेश चालीसा का पाठ करें, फिर सकट चौथ व्रत कथा का श्रवण करें. इसके बाद चाहें तो गणेश मंत्र का जाप कर सकते हैं. पूजा के अंत में कपूर या गाय के घी वाले दीपक से गणेश जी की आरती करें.
9. इसके बाद गरीब या किसी ब्राह्मण को दान करें. दिनभर निर्जला व्रत रहते हुए भगवत भजन करें.
10. सकट चौथ को चंद्रोदय रात 09:00 बजे होगा. चंद्रमा का दर्शन करें. जल में दूध, अक्षत्, शक्कर और फूल मिला लें और उसे अर्पित करें.
11. अंत में गणेश जी के समक्ष जाकर प्रणाम करें और अपनी मनोकामना व्यक्त कर दें. फिर पारण करके व्रत को पूरा करें.
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