Premanand Ji Maharaj: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज को भला कौन नहीं जानता. उनकी कही हर बात देश-दुनिया से आए लोग सुनते हैं और उस पर अमल भी करते हैं. सनातन धर्म में ईश्वर के नाम का जाप करने के यूं तो कई नियम हैं, लेकिन जाप तेज गति से करना चाहिए या फिर धीमे-धीमें नाम-जाप करें इसे लेकर कई लोग कन्फ्यूज रहते हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने ईश्वर के नाम के जाप को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही हैं
कैसे करें ईश्वर के नाम का जाप?
उनका कहना था कि नाम का जाप धीमी गति से और पूरी श्रद्धा के साथ करना अधिक प्रभावी होता है जब हम धीमे-धीमे जाप करते हैं तो हमारा ध्यान पूरी तरह से ईश्वर के नाम पर केंद्रित होता है इस दौरान मन में किसी अन्य विचार का प्रवेश करना मुश्किल होता है जिससे मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ती है प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) का मानना था कि जाप में प्रेम और भक्ति की भावना होनी चाहिए और यह तब ही संभव है जब हम उसे शांति और समर्पण के साथ करें तेज़ी से जाप करने से यह भावना पूरी तरह से व्यक्त नहीं हो पाती क्योंकि मन दिमागी तौर पर कहीं और उलझ सकता है
उनका यह भी कहना था कि सच्ची उपासना तब होती है जब हम ईश्वर के नाम का जाप प्रेम और समर्पण के साथ शांति से करते हैं प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) के अनुसार ईश्वर के नाम का जाप धीमे-धीमे, प्रेम और भक्ति के साथ करना अधिक फलदायी होता है क्योंकि ये मन और हृदय को शुद्ध करता है और आत्मा में भगवान के प्रति प्रेम और श्रद्धा को बढ़ाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)