Griha Pravesh 2023: घर लेने का सपना तो सभी देखते हैं. जिनका ये सपना पूरा हो जाता है वो कई नई उम्मीदों के साथ अपने नए घर में गृह प्रवेश करते हैं. अगर आप नया घर ले चुके हैं और अब गृह प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं तो आप उसकी सही जानकारी पहले ले लें. गृह प्रवेश किस दिन, कैसे और किस समय किया जाना चाहिए, गृह प्रवेश की पूजा विधि क्या है, गृह प्रवेश के समय कलश स्थापना कहां और कैसे करनी चाहिए ये जानकारी बेहद महत्त्वपूर्ण होती है.
किस दिन करना चाहिए गृह प्रवेश
सबसे पहले गृह प्रवेश के लिये दिन, तिथि , वार और नक्षत्र को ध्यान में रखते हुए, गृह प्रवेश की तिथि और समय को तय कर लीजिए.
गृह प्रवेश इस समय नहीं करते
गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान जरुर रखें. आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष महीनों में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए.
मंगलवार के दिन भी गृह प्रवेश नहीं किया जाता. इसके अलावा रविवार और शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश गलत माना गाया है. सप्ताह के बाकि दिनों में से किसी भी दिन गृह प्रवेश किया जा सकता है.
इस समय करना चाहिए गृह प्रवेश
अमावस्या व पूर्णिमा को छोड़कर शुक्ल पक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 ति थि यां प्रवेश के लि ये बहुत शुभ मानी जाती हैं.
गृह प्रवेश के लिए पूजा की सामग्री
कलश, नारियल, शुद्ध जल, कुमकुम, चावल, अबीर, गुलाल, धूपबत्ती , पांच शुभ मांगलिक वस्तुएं, आम या अशोक के पत्ते, पीली हल्दी , गुड़, चावल, और दूध ये सामान जरुर होना चाहिए
गृह प्रवेश की पूजा विधि
गृह प्रवेश की पूजा के संपन्न होने के बाद मंगल कलश के साथ सूर्य की रोशनी में नए घर में प्रवेश करना चाहिए.
घर को बंदनवार, रंगोली, फूलों से सजाना चाहिए.
मंगल कलश में शुद्ध जल भरकर उसमें आम या अशोक के आठ पत्तों के बीच नारियल रखें.
कलश व नारियल पर कुमकुम से स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं.
नए घर में प्रवेश के समय घर के स्वामी और उनकी पत्नी को पांच मांगलिक वस्तुएं नारियल, पीली हल्दी , गुड़, चावल, दूध अपने साथ लेकर नए घर में प्रवेश करना चाहिए.
भगवान गणेश की मूर्ति
मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख, श्री यंत्र को गृह प्रवेश वाले दिन घर में ले जाना चाहिए.
भगवान के भजन गाते हुए घर में प्रवेश करना चाहिए.
पुरुष पहले दाहिना पैर तथा स्त्री बांया पैर बढ़ाकर नए घर में प्रवेश करें.
इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए गणेश जी के मंत्रों के साथ घर के ईशान कोण में या फिर पूजा घर में कलश की स्था पना करें.
इसके बाद रसोई घर में भी पूजा करनी चाहिये.
चूल्हे, पानी रखने के स्थान और स्टोर आदि में धूप, दीपक के साथ कुमकुम, हल्दी, चा वल आदि से पूजा कर स्वास्तिक चिन्ह बनाना चाहिये.
रसो ई में पहले दिन गुड़ व हरी सब्जियां रखना शुभ माना जाता है.
चूल्हे को जलाकर सबसे पहले उस पर दूध उबालना चाहिये, मिष्ठान बनाकर उसका भोग लगाना चाहिये.
घर में बने भोजन से सबसे पहले भगवान को भोग लगाएं.
गौमाता, कौआ, कुत्ता, चींटी का भोजन निकाल कर रखें.
इसके बाद जरुरतमंद को भोजन करायें या फिर किसी गरीब भूखे आदमी को भोजन करा दें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है व हर प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं.
Source : News Nation Bureau