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Shankh Benefits: शंख कितने प्रकार के होते हैं, जानें शंख बजाने के फायदे 

Shankh Benefits: शंख बजाना शुभ होता है. इसे हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य से पहले बजाया जाता है. लेकिन कौन सा शंख बजाने के क्या फायदे होते हैं और शंख कितने प्रकार के होते हैं आइए जानते हैं.

Updated on: 27 Nov 2023, 05:13 PM

नई दिल्ली:

Shankh Benefits: शंख बजाना हिन्दू धर्म में एक प्राचीन परंपरागत प्रथा है जिसका धार्मिक और सामाजिक महत्व भी है. शंख को पूजा और धार्मिक कार्यों में उपयोग करना हिन्दू धर्म में सामान्य है. शंख को पूजा और आराधना के समय बजाना शुभ माना जाता है. इससे धार्मिक आचरण में भक्ति और श्रद्धा का अहसास होता है. वैदिक यज्ञों में शंख का बजाना शुभ होता है. यह यज्ञ के आरंभ और समापन का संकेत करता है और सभी दिशाओं में धर्म का प्रचार करता है. हिन्दू पौराणिक कथाओं में, देवताओं के साथ युद्ध में शांति और विजय प्राप्त करने के लिए शंख का बजाना उत्तम माना जाता है. शंख को योग और ध्यान के समय में उपयोग करना अच्छा माना जाता है. इससे व्यक्ति की मानसिक और आत्मिक समृद्धि होती है. शंख के फायदों के बारे में तो हमने आपको बता दिया आइए अब जानते हैं शंख कितनी तरह के होते हैं. 

शंख कितने प्रकार के होते हैं ?

दक्षिणावर्ती शंख (Dakshinavarti Shankh): इस प्रकार का शंख उन्हें कहा जाता है जो दक्षिण (सूर्य) की दिशा में मुड़ा होता है. इसे श्रीवत्स शंख भी कहा जाता है और इसे विष्णु भगवान के साथ जोड़ा जाता है.

शंख (Shankh): यह सामान्यत: शंख के रूप में जाना जाता है और इसकी उत्पत्ति समुद्र में पाई जाती है. इसे शिव जी के साथ जोड़ा जाता है और इसे शैलग्राम भी कहते हैं.

शंखचूड़ा शंख (Shankhachuda Shankha): इस प्रकार का शंख केवल गणेश जी के साथ संबंधित है, और इसे शंखचूड़ा नाम से जाना जाता है.

द्वारका शंख (Dwarka Shankha): यह शंख विष्णु भगवान के अवतार, कृष्ण जी के साथ संबंधित है और इसे द्वारका नाम से भी जाना जाता है.

शंखाध्यक्ष शंख (Shankhadyaksha Shankha): इस प्रकार का शंख विष्णु भगवान के द्वारपाल, शंखाध्यक्ष के साथ जुड़ा होता है.

मोती शंख (Moti Shankha): इस प्रकार का शंख आकार में मोती की तरह दिखता है और इसे माता लक्ष्मी के साथ जोड़ा जाता है.

कुजा शंख (Kauri Shankha): इस प्रकार का शंख कौड़ी (कौड़ी) की तरह दिखता है और इसे वायु देवता के साथ जोड़ा जाता है.

इसके अलावा भी शंख कई और दूसरे प्रकार और रंगों के होते हैं लेकिन मुख्य रुप से इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. शंख बजाना हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. जिस भी घर में शंख होता है मान्यता है कि उस घर में वास्तु दोष नहीं होता और जो भी व्यक्ति सुबह और शाम के समय अपने घर में शंख नाद करता है उसके घर से नेगेटिविटी दूर रहती है और घर में सुख शांति का वास होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)