Palmistry astrology: हाथ में कितने पर्वत होते हैं और उनका क्या मतलब है

हस्तरेखा ज्योतिष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण विषय है जिसे अंगूठे, उंगलियों और हाथ की परतों की रेखाओं के माध्यम से पढ़ा जाता है। यह विज्ञान मानव जीवन, उनके स्वभाव, भविष्य और स्वास्थ्य को समझने के लिए हाथ की रेखाओं का अध्ययन करता है।

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Garima Sharma
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Palmistry Astrology

Palmistry Astrology( Photo Credit : File photo)

हस्तरेखा ज्योतिष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण विषय है जिसे अंगूठे, उंगलियों और हाथ की परतों की रेखाओं के माध्यम से पढ़ा जाता है। यह विज्ञान मानव जीवन, उनके स्वभाव, भविष्य और स्वास्थ्य को समझने के लिए हाथ की रेखाओं का अध्ययन करता है। हस्तरेखा के अनुसार, हाथ के विभिन्न भागों की रेखाओं में संकेत होते हैं जो व्यक्ति के भविष्य के बारे में बताते हैं। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, विभिन्न प्रकार की रेखाओं में अलग-अलग मतलब होते हैं। जैसे कि, जीवनरेखा व्यक्ति के जीवन की अवधि के बारे में जानकारी प्रदान करती है, हृदय रेखा स्वास्थ्य के बारे में, मस्तिष्क रेखा बुद्धिमत्ता और विद्या के बारे में, और शुक्र रेखा प्रेम और संबंधों के बारे में बताती है। हस्तरेखा विज्ञान का अध्ययन व्यक्ति को अपने जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख की ओर मार्गदर्शन करता है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने गुणों और दोषों को समझता है और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन करने के लिए कदम उठाता है।

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हाथ में पांच प्रमुख पर्वत होते हैं: सूर्य, बुध, शुक्र, गुरु और शनि। ये पर्वत हर व्यक्ति के हाथ में नहीं होते और उनकी संख्या और विस्तार व्यक्ति के कुंडली के अनुसार भिन्न होते हैं।

सूर्य पर्वत: सूर्य पर्वत का संबंध व्यक्ति के अद्वितीय व्यक्तित्व और स्वाभिमान से होता है। यह पर्वत उसके उत्कृष्टता, यश, और आत्मविश्वास को प्रकट करता है।

बुध पर्वत: बुध पर्वत बुद्धिमत्ता, विद्या, और बुद्धि को प्रकट करता है। यह पर्वत व्यक्ति के बुद्धिमान और शिक्षित होने की गुणवत्ता को दर्शाता है।

शुक्र पर्वत: शुक्र पर्वत का संबंध सौंदर्य, कला, सुख, और संगीत से होता है। यह पर्वत व्यक्ति के समृद्धि, प्रेम, और सुख-शांति की भावना को प्रकट करता है।

गुरु पर्वत: गुरु पर्वत विद्या, धर्म, और ज्ञान को प्रकट करता है। यह पर्वत व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास और शिक्षा के प्रति आदर्शवादी दृष्टिकोण को दर्शाता है।

शनि पर्वत: शनि पर्वत का संबंध कर्म, कष्ट, और धैर्य से होता है। यह पर्वत व्यक्ति के कर्मफल, संघर्ष, और धैर्य को प्रकट करता है।

इन पर्वतों की स्थिति, आकार, और विकास व्यक्ति की कुंडली में निर्धारित होती है और इनका साकार अर्थ केवल एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ही होता है।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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