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Jai Bajrangbali( Photo Credit : news nation)
Jai Bajrangbali: मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के लिए खास माना जाता है. इस दिन बजरंगबली की पूजा करते आप मनचाह वरदान पा सकते हैं. रमायण में माता सीता का रावण की लंका से छुड़ाने के लिए भगवान राम के साथ हनुमान जी गए थे. उन्होंने इस लंका में आग लगायी थी इस बारे में तो सब जानते हैं लेकिन ये आज उन्होंने कैसे लगायी और इतनी सुंदर दिखने वाली मायावी लंका को किसने बनाया था ये जानकारी भी बेहद कम लोगों के पास है. वैसे आपको बता दें कि हनुमान जी ने लंका में आग लगाने की कथा हिंदू धर्म के महाकाव्य "रामायण" में विस्तार से वर्णित है. यह घटना सुंदरकाण्ड कहलाते हैं, जो रामायण के एक भाग हैं.
किसने बनायी थी रावण की लंका
रावण की लंका का निर्माण भगवान शिव के भक्त और विद्याधर राजा विश्वकर्मा ने किया था, जैसा कि हिन्दू पौराणिक कथाएं बताती हैं.
लंका एक अद्वितीय नगर था जो सुंदर काण्ड में वर्णित है, जो भगवान राम के द्वारा विनाश किया गया था। रावण, लंका के राजा, अपनी भयंकर राक्षस सेना के साथ यहां बसा था.
विश्वकर्मा ने लंका को अत्यंत सुंदरता और सुदृढ़ता के साथ बनाया था, और यह अस्तित्व में एक अद्वितीय नगर था. उसने लंका को एक अप्सरा के समान सुंदर और अद्वितीय बनाया था, और उसने बहुत से राक्षसों और बुरे शक्तियों की सेना के साथ इसे सुरक्षित बनाया था.
हिन्दू धर्म के अनुसार, लंका का निर्माण भगवान शिव की कृपा से हुआ था और इसे बनाने वाले विश्वकर्मा की कला ने इसे अद्वितीय बना दिया था.
हनुमान जी ने लंका में कैसे लगायी थी आग
कथा के अनुसार, हनुमान जी राम के भक्त थे और उन्होंने सीता माता की खोज के लिए लंका जाकर देखा कि सीता माता रावण के अशोक वन में बंदी हैं. हनुमान जी ने अपनी भक्ति और वीरता का प्रदर्शन करते हुए उन्हें राम का संदेश पहुंचाने का निर्णय किया.
हनुमान ने अपने विशाल रूप को बढ़ाकर लंका की सभी क्षेत्रों में भटकते हुए सीता माता से मिले और उन्हें राम का संदेश सुनाया. इसके बाद, हनुमान ने लंका में आग लगाने का निर्णय लिया ताकि सीता माता को उसकी पहचान हो सके और राम की सेना को सीता की स्थिति का पता चले.
हनुमान ने नील जी (राम के भक्त हनुमान के एक साथी) के साथ मिलकर लंका के राक्षसों के द्वारा सुरक्षित एक खगोलिक नक्षत्र को जला दिया, जिसका परिणामस्वरूप लंका में भयंकर आग लग गई। यह आग सुदूर देशों से भी देखी जा सकती थी.
हनुमान ने इस आग का स्थान सीता माता को बताया और उन्होंने राम को सीता माता की शुद्धि के लिए इसका उपयोग किया.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau
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