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Holi 2024: होली पर कौन से भगवान की पूजा होती है? पूजा करने से मिलेगा मनचाहा वरदान !

Holi 2024: होली भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो वसंत ऋतु में मनाया जाता है. यह त्योहार रंगों, खुशियों और उत्साह का त्योहार है. होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है.

Updated on: 15 Mar 2024, 07:44 PM

नई दिल्ली :

Holi 2024: होली का त्योहार दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन को होलिका दहन कहा जाता है. इस दिन लोग लकड़ी और घास के ढेर को जलाते हैं. यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. दूसरे दिन को रंगों की होली कहा जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं.  यह खुशियों और उत्साह का दिन होता है. यूं तो होली का इतिहास बहुत पुराना है.  यह त्योहार भगवान कृष्ण और राधा की प्रेमलीला से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा, होली भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह से भी जुड़ा हुआ है. वैसे तो होली पर मुख्य रूप से भगवान कृष्ण और राधा की पूजा की जाती है. इसके अलावा, भगवान शिव, देवी पार्वती, गणेश जी और हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. 

1. भगवान कृष्ण और राधा

होली का त्योहार भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन आप इनकी पूजा जरूर करें. इससे न केवल आपको लाभ मिलेगा बल्कि जीवनसाथी के साथ आपके प्रेम संबेध मजबूत होंगे. 

2. विष्णु भगवान

होली के दिन भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा की जाती है. 

3. भगवान शिव

भगवान शिव को 'विनाशक' और 'संहारक' के रूप में जाना जाता है.  होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, इसलिए भगवान शिव की भी पूजा की जाती है. 

4. माता लक्ष्मी

मान्यता के अनुसार, होली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है. इससे मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं. 

5. देवी पार्वती

देवी पार्वती को 'शक्ति' और 'मातृत्व' की देवी माना जाता है. 

6.  गणेश जी

गणेश जी को 'विघ्नहर्ता' और 'ज्ञान' के देवता माना जाता है. 

7. हनुमान जी

हनुमान जी को 'शक्ति' और 'भक्ति' के प्रतीक माना जाता है. 

होली पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा की सामग्री तैयार करें, जैसे कि फूल, फल, मिठाई, दीपक और अगरबत्ती. भगवान कृष्ण और राधा, भगवान शिव, देवी पार्वती, गणेश जी और हनुमान जी की मूर्तियों को स्थापित करें. दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं. फलों और मिठाइयों का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और आरती करें.  फिर आखिरी में प्रसाद वितरित करें. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)