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Holashtak 2023 : जानिए होलाष्टक में कौन सा ग्रह डालता है दुष्प्रभाव, जरूर करें ये 5 उपाय

की शुरुआत दिनांक 27 फरवरी से हो रही है और इसका समापन दिनांक 07 मार्च को होगा.

Updated on: 24 Feb 2023, 03:03 PM

नई दिल्ली :

Holashtak 2023 : इस साल होलाष्टक की शुरुआत दिनांक 27 फरवरी से हो रही है और इसका समापन दिनांक 07 मार्च को होगा. वहीं हिंदू पंचाग में होलाष्टक फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक माना जाता है. होलाष्टक के समय 8 ग्रह उग्र होते हैं. इसलिए इस समय कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. वहीं तिथि के अनुसार, होलाष्टक 8 तिथियों तक होते हैं, जबकि अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से होलाष्टक 9 तिथि का है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि होलाष्टक किस तिथि को कौन सा ग्रह उग्र होता है, उससे बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए.

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होलाष्टक में उग्र ग्रह कौन-कौन से हैं?

1. होलाष्टक फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को चंद्रमा उग्र होते हैं. 
2. नवमी तिथि को सूर्य उग्र होते हैं. 
3. दशमी तिथि को शनिदेव उग्र होते हैं.
4. एकादशी तिथि को शुक्र ग्रह उग्र होते हैं
5. द्वादशी तिथि को गुरु बृहस्पति उग्र होते हैं. 
6. त्रयोदशी तिथि को बुध उग्र होते हैं. 
7. चतुर्दशी तिथि को मंगल ग्रह उग्र होते हैं. 
8. पूर्णिमा तिथि को राहु ग्रह उग्र होते हैं. 

इस साल होलाष्टक दिनांक 27 फरवरी से लेकर दिनांक 07 मार्च तक है. इस अवधि में कोई भी शुब काम करने से बचना चाहिए. अगर आप कहीं निवेश करने की सोच रहे हैं, तो अभी कुछ दिनों तक के लिए टाल दें. होलाष्टक में उन ग्रहों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जो कमजोर होते हैं. कमजोर ग्रह और भी ज्यादा उग्र होते हैं. अब ऐसे में आपको उसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल सकता है. इसलिए इन ग्रहों को शांतड करना बेहद जरूरी है. 

उग्र ग्रह को शांत करने के लिए जरूर करें ये उपाय 
1. होलाष्टक में नौ ग्रहों की पूजा करनी चाहिए. 
2. आपको नवग्रह पीड़ाहर स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. 
3. ग्रहों की शांति के लिए उनसे जुड़ी वस्तुओं का दान जरूर करें. 
4.ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रहों के बीज मंत्र का जाप जरूर करें. 
5. नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप कम से कम 1008 बार करें और इस मंत्र से ही हवन करें.