हरियाली तीज 2018: जानें हरियाली तीज की त‍िथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्‍व

हरियाली तीज 13 तारिख को सुबह साढ़ें आठ बजे से 14 अगस्त को सुबह 5 बजे तक है। इस दौरान महिलाएं और पुरुष पूजा विधि के अनुसार सारे शुभ-मंगल कार्य कर सकते हैं।

हरियाली तीज 13 तारिख को सुबह साढ़ें आठ बजे से 14 अगस्त को सुबह 5 बजे तक है। इस दौरान महिलाएं और पुरुष पूजा विधि के अनुसार सारे शुभ-मंगल कार्य कर सकते हैं।

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हरियाली तीज 2018: जानें हरियाली तीज की त‍िथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्‍व

हरियाली तीज 2018

सावन के महीने में एक खास त्योहार मनाया जाता है, हरियाली तीज। हरियाली तीज यूं तो महिलाओं का त्यौहार है, पर अब बदलते समय के साथ पुरुष भी इन त्योहार में पूरे उत्साह से शामिल होते हैं। 

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सावन का महीना भगवान शिव शंकर की उपासना के साथ ही महिलाओं के लिए भी विशेष महत्व रखता है। इस दौरान पूजा-पाठ करने वाले हर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। विवाहित महिलाओं से लेकर अविवाहित लड़कियों के लिए भी तीज त्योहार का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन की याद में मनाया जाता है।

तीज के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए दिन-भर व्रत-उपवास रखती हैं। अच्‍छे पति की कामना के लिए अविवाहित लड़कियां भी इस व्रत को रखती हैं। मान्‍यता है कि तीज का व्रत रखने से विवाहित स्त्रियों के पति की उम्र लंबी होती है, जबकि अविवाहित लड़कियों को मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

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हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त

हरियाली तीज 13 तारिख को सुबह साढ़ें आठ बजे से 14 अगस्त को सुबह 5 बजे तक है। इस दौरान महिलाएं और पुरुष पूजा विधि के अनुसार सारे शुभ-मंगल कार्य कर सकते हैं।

क्‍यों मनाई जाती है तीज?

हरियाली तीज का त्योहार सावन शुक्ल की तृतीया के दिन मनाया जाता है। सुहागिन महिलाओं के बीच तीज पर्व का खास महत्‍व है। तीज पर्व पार्वती को समर्पित है, जिन्‍हें तीज माता कहा जाता है। मान्‍यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्‍त करने के लिए पूरे तन-मन से करीब 108 सालों तक घोर तपस्‍या की। पार्वती के तप से प्रसन्‍न होकर शिव ने उन्‍हें पत्‍नी के रूप में स्‍वीकार कर लिया।

कैसे मनाते हैं हरियाली तीज?

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास करती हैं। महिलाएं इस दिन खास तरह से तैयार होती हैं। वह पारंपरिक परिधान पहनती हैं, मेंहदी लगाती हैं। साथ ही शाम के समय व्रत कथा पढ़ती हैं और गाने गाती हैं। साथ ही अपने पतियों और सहेलियों के साथ झूला-झूलने का भी रिवाज है। शाम को माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने के बाद चंद्रमा की पूजा की जाती है। पति और घर के बड़े महिलाओं को सामान भेंट करते हैं। तीज पूजा विधि की बात करें तो सुबह उठकर स्‍नान करने के बाद मन में व्रत का संकल्‍प लें। सबसे पहले घर के मंदिर में काली मिट्टी से भगवान शिव शंकर, माता पार्वती और गणेश की मूर्ति बनाएं। अब इन मूर्तियों को तिलक लगाएं और फल-फूल अर्पित करें। फिर माता पार्वती को एक-एक कर सुहाग की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव को बेल पत्र और पीला वस्‍त्र चढ़ाएं। तीज की कथा पढ़ने या सुनने के बाद आरती करें। अगले दिन सुबह माता पार्वती को सिंदूर अर्पित कर भोग चढ़ाएं। प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रत का पारण करें।

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हरियाली तीज पर खान-पान

हरियाली तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। यानी पूरे दिन पत्नियां बिना पानी पिए पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। पर फिर भी भारत में त्योहार बिना पकवानों के अधूरे हैं। इसलिए इस दिन न केवल बाजार में तरह-तरह के पकवान देखने को मिलते हैं बल्कि घरों में भी तरह-तरह के पकवान बनाते हैं। पति अपनी पत्नियों के लिए मिठाइयां बनाते हैं, साथ ही खाना बनाने में उनकी मदद भी करते हैं।

Source : News Nation Bureau

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