Hanuman Ji Gada Story: हिंदू धर्म में हनुमान जी को बल, बुद्धि और भक्ति के प्रतीक माना जाता है. उनके बाएं हाथ में हमेशा एक अस्त्र होगा है जिसे गदा कहते हैं. ये गदा न सिर्फ एक हथियार है बल्कि यह भगवान हनुमान की शक्ति और पराक्रम का प्रतीक भी है. रामायण में कई जगहों पर यह वर्णित है कि कैसे हनुमान जी ने अपनी इसी गदा से राक्षसों का संहार किया था. हनुमान जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है और उनकी गदा को विघ्न निवारण का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि हनुमान जी को यह गदा भगवान कुबेर ने दी थी. कुबेर ने हनुमान जी को यह गदा देते समय वरदान दिया था कि जब भी वे इस गदा को हाथ में लेंगे तो कभी पराजित नहीं होंगे. हनुमान जी की गदा को 'कौमोदकी' भी कहा जाता है.
हनुमान जी की गदा को कौमोदकी क्यों कहते हैं?
हनुमान जी की गदा को कौमोदकी कहने के पीछे कई मान्यताएं हैं. एक मान्यता के अनुसार, कौमोदकी शब्द कुमुद से लिया गया है जिसका अर्थ है कमल. चूंकि कमल को शुद्धता और सौंदर्य का प्रतीक माना जाता है. यही कारण है कि हनुमान जी की गदा को भी इसीलिए 'कौमोदकी' कहा गया होगा.
एक अन्य मान्यता के अनुसार, कौमोदकी शब्द भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ है. भगवान विष्णु को कौमोदकी भी कहा जाता है. चूकि हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त थे और भगवान राम भगवान विष्णु के अवतार हैं, इसलिए हनुमान जी की गदा को भी कौमोदकी कहना उचित माना गया. कौमोदकी शब्द शक्ति और बल का भी प्रतीक है. हनुमान जी की गदा उनकी असीम शक्ति का प्रतीक है.
हनुमान जी की गदा का वर्णन पुराणों में बहुत ही विस्तार से मिलता है. जहां ये बताया गया है कि ये गदा सोने की बनी हुई थी और इसका आकार बहुत बड़ा था. हनुमान जी इस गदा को अपने बाएं हाथ में धारण करते थे. रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में हनुमान जी की गदा का उल्लेख कई बार मिलता है. रामायण में जब हनुमान जी लंका पहुंचे थे तब उन्होंने अपनी इसी गदा से अशोक वाटिका में काफी तबाही मचाई थी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)