Guruvar Vrat Katha: बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखने का महत्व क्या है, जानें गुरुवार की व्रत कथा

Guruvar Vrat Katha: गुरुवार के दिन कुंडली के गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए लोग व्रत करते हैं. बृहस्पति देव की कथा सुनते हैं. मान्यता है ऐसा करने वाले के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और वो धनवान हो जाता है.

News Nation Bureau | Edited By : Inna Khosla | Updated on: 23 Nov 2023, 10:14:34 AM
guruvar vrat katha

Guruvar Vrat Katha (Photo Credit: social media)

नई दिल्ली :  

Guruvar Vrat Katha:  हिंदू धर्म में गुरुवार को बृहस्पतिवार कहा जाता है, और इस दिन गुरुदेव की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है. गुरुवार को बृहस्पति ग्रह का दिन माना जाता है. इस दिन गुरुदेव की विशेष पूजा करने से भक्त को बुद्धि, ज्ञान, और सफलता की प्राप्ति होती है. गुरुवार व्रत की कई कथाएं प्रचलित हैं उनमें से ही एक कथा हम आपको बता रहे हैं. वैसे गुरुवार व्रत की विधि सरल होती है. इस दिन किसी भी केले के पेड़ के सामने बैठकर हाथ में हल्दी चने की दाल लेकर व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए. जो भी लोग धार्मिक महत्व के बारे में जानते हैं वो इस दिन केले का सेवन नहीं करते और पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. इतना ही नहीं खाने में भी पीले रंग का ही प्रयोग करते हैं. 

गुरुवार की व्रत कथा

एक समय की बात है, एक गाँव में एक ब्राह्मण थे जिनका नाम श्रीधर था. श्रीधर बड़े भक्तिभाव से गुरुदेव की पूजा करते थे। वह गुरुवार को गुरुदेव की विशेष पूजा करने के लिए व्रत रखते थे. एक दिन, गाँव के एक दरिद्र व्यक्ति ने श्रीधर के पास आकर भीख मांगी. श्रीधर ने अपनी दानशीलता का परिचय दिया और उसे भोजन के लिए अपने साथ बुलाया.

वह दरिद्र व्यक्ति बड़े खुश होकर श्रीधर के साथ भोजन करने लगा। भोजन के दौरान, श्रीधर ने उससे गुरुदेव के प्रति अपनी भक्ति की बातें सुनाईं. वह दरिद्र व्यक्ति भी गुरुदेव के प्रति श्रद्धाभाव से भरा हुआ था.

भोजन के बाद, दरिद्र व्यक्ति ने श्रीधर से विनती की, "भगवान, मैं एक गरीब आदमी हूँ और मेरे पास और कोई साधन नहीं है. कृपया मुझे कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मेरी दुर्दशा सुधरे और मैं सफल हो सकूं."

श्रीधर ने उसे गुरुवार व्रत के महत्त्व के बारे में बताया और उसे साक्षात गुरुदेव की पूजा करने का उपदेश दिया। दरिद्र व्यक्ति ने श्रीधर की सीखों का पालन करते हुए गुरुवार को गुरुदेव की पूजा करना शुरू किया.

विशेष रूप से गुरुवार को गुरुदेव की आराधना करने से, उसकी दुर्दशा में सुधार हुआ और उसका जीवन परिवर्तित हो गया. वह धनवान और सुखी हो गया.

इस कथा से हमें यह सिखने को मिलता है कि गुरुवार को गुरुदेव की पूजा करना हमें ज्ञान, बुद्धि, और सफलता में मदद कर सकता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

First Published : 16 Nov 2023, 10:29:02 AM