तंत्र-मंत्र पर सिद्धियां पाने के लिए करते हैं गुप्त नवरात्रि का पूजन, इस तारीख से है शुरू
ये बात सभी को पता है कि चैत्र और शारदीय नवरात्र में देवी दुर्गा के नौ रूपों की की पूजा की जाती है।
नई दिल्ली:
ये बात सभी को पता है कि चैत्र और शारदीय नवरात्र में देवी दुर्गा के नौ रूपों की की पूजा की जाती है।
लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि साल में माघ और आषाढ़ में भी नवरात्रि आती है। जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि 13 जुलाई से प्रारंभ होगी और 21 जुलाई को इसका समापन होगा।
माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजन ज्यादा कठिन होता है क्योंकि इस दौरान देवी अपने पूर्ण स्वरूप में होती है। ऐसे में साधकों को शुद्धता और नियम का खास ख्याल रखना पड़ता है। गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की आराधना के साथ ही तंत्र, मंत्र, यंत्र और सिद्धि की साधना को महत्वपूर्ण माना जाता है।
कहा जाता है कि तंत्र-मंत्र पर सिद्धियां पाने वाले साधक इस दौरान गुप्त स्थान पर रहकर देवी के स्वरूपों के साथ दस महाविद्याओं की साधना करते है।
क्या है कहानी
पौराणिक ग्रंथो के मुताबिक एक बार ऋषि श्रंगी के पास एक महिला ने आकर कहा- महाराज, मेरे पति दुर्व्यसनों में लिप्त रहते है, इसलिए मैं कोई भी व्रत उपवास नहीं कर पाती हूं। महिला ने कहा कि मैं मां दुर्गा की शरण में जाना चाहती हूं पर मेरे पति के पापाचारों से मां की कृपा की भागी नहीं हो पा रही हूं।
तब ऋषि बोले वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्र भी आते हैं इनमें 9 देवियों की बजाय दस महाविद्याओं की उपासना की जाती है। यदि तुम विधिवत ऐसा कर सको तो मां दुर्गा की कृपा से तुम्हारा जीवन खुशियों से परिपूर्ण होगा।
ऋषि के बताये हुए नियम के अनुसार महिला ने मां दुर्गा की कठोर साधना की। महिला की श्रद्धा व भक्ति से मां प्रसन्न हुई और उसके सभी कष्ट दूर हो गए।
दस महाविद्या
ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं।
पूजन विधि
गुप्त नवरात्र के दौरान भी पूजा अन्य नवरात्र की तरह ही करनी चाहिये। नौ दिनों तक व्रत का संकल्प लेते हुए प्रतिपदा को घटस्थापना कर प्रतिदिन सुबह शाम मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत का उद्यापन किया जाता है। हालांकि इस बारे में किसी के साथ चर्चा नहीं करनी चाहिए।
इसे भी पढ़ें: 27 जुलाई को पड़ेगा 21वीं सदी का सबसे बड़ा चंद्र गहण
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Lok Sabha Election 2024: PM मोदी ने नामांकन के लिए क्यों चुना यह खास दिन? सामने आई चौंकाने वाली वजह
-
Guru Asta 2024: आज गुरु होंगे अस्त, इन राशियों को होगा बंपर लाभ, होगी जबरदस्त कमाई
-
Angarak Yoga 2024: मंगल के गोचर से बना अंगारक योग, इन राशियों के जीवन में छा जाएगा अंधेरा
-
Vastu Tips For Kitchen: इस दिशा में होती है रसोई तो घर वाले हमेशा रहते हैं कंगाल