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Grah Negative Effects On Nuclear Family: एकल परिवार में रहना लाता है बेहिसाब तबाही, ग्रहों के भयंकर प्रकोप के बर्बाद हो जाता है जीवन

Grah Negative Effects On Nuclear Family: आजकल न्यूक्लियर फैमिली यानी कि एकल परिवार का चलन सा हो गया है. न्यूक्लियर फैमिली वाला कॉन्सेप्ट पारिवारिक, सामाजिक, बच्‍चों, रिश्‍तों से जुड़ी समस्‍याओं को जन्‍म देता है.

Updated on: 02 Jun 2022, 03:52 PM

नई दिल्ली :

Grah Negative Effects On Nuclear Family: ज्‍योतिष का संबंध हमारे जीवन के हर पहलू से है. 9 ग्रह और नक्षत्र जीवन पर बड़ा असर डालते हैं. ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे घर में भी इन सभी 9 ग्रहों के प्रतिनिधि मौजूद होते हैं, यदि इनके मान-सम्‍मान, सेवा-प्‍यार में गड़बड़ी हो तो जातक की कुंडली के ग्रहों में असंतुलन पैदा हो जाता है. यह असंतुलन जीवन में कई मुसीबतों-संकटों का कारण बनता है और व्‍यक्ति दुख-दर्द से घिर जाता है. आजकल न्यूक्लियर फैमिली यानी कि एकल परिवार का चलन सा हो गया है. न्यूक्लियर फैमिली वाला कॉन्सेप्ट पारिवारिक, सामाजिक, बच्‍चों, रिश्‍तों से जुड़ी समस्‍याओं को जन्‍म देता है. लेकिन इससे जुड़ी परेशानियां सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं. एकल परिवार की ये धारणा कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर भी बेहद गहरा परभाव डालती है. 

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ग्रह और घर-परिवार में मौजूद उनका प्रतिनिधित्‍व 
ज्‍योतिषाचार्य पं. शशिशेखर त्रिपाठी कहते हैं परिवार का हर सदस्‍य और यहां तक कि घर के कामकाज में मदद करने वाले नौकर तक किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्‍व करते हैं. यदि इन लोगों का सम्‍मान न किया जाए या उनके साथ उचित व्‍यवहार न किया जाए तो कुंडली में उनसे संबंधित ग्रह बुरा फल देने लगता है. जैसे- घर के दादा और पिता का संबंध सूर्य से है. मां का संबंध चंद्रमा से, भाई का संबंध मंगल से, पत्‍नी का शुक्र से, सफाई कर्मचारी और घर के पालतू कुत्‍ते का राहु से, नौकर का शनि से, बहन का बुध से संबंध होता है.   

एकल परिवार के कारण गड़बड़ाया बैलेंस 
जब लोग संयुक्‍त परिवार में रहते हैं और घर के सारे सदस्‍यों को सम्‍मान देते हैं, उनकी सेवा करते हैं, उनके जीवन में खुशियों का कारण बनते हैं तो वे जाने-अनजाने ही ग्रहों को मजबूत करने के उपाय कर लेते हैं. इससे उनकी कुंडली के मजबूत ग्रह और मजबूत हो जाते हैं, वहीं अशुभ ग्रहों का असर भी कम हो जाता है. लेकिन एकल परिवार में रहने के कारण व्‍यक्ति के जीवनसाथी वाला ग्रह यानी कि शुक्र तो मजबूत हो जाता है लेकिन मां-बाप की सेवा न करने, भाई-बहन से दूर रहने के कारण बाकी ग्रह कमजोर हो जाते हैं. ये कमजोर ग्रह उसके जीवन में करियर, आर्थिक स्थिति, सुख-चैन, सेहत, सम्‍मान आदि पर बुरा असर डालते हैं. 

व्‍यक्ति से गलत काम लेना भी करवाता है नुकसान 
यदि संयुक्‍त परिवार में रह रहे हों तो भी हर सदस्‍य के साथ उचित व्‍यवहार जरूरी है. वरना किसी सदस्‍य का अपमान करना, उसके साथ गलत व्‍यवहार करना भी ग्रहों को गड़बड़ा देगा. उदाहरण के लिए मां-बाप की सेवा करनी चाहिए, यदि आप मां-बाप से अपनी सेवाएं करवाएं तो कुंडली में सूर्य-चंद्रमा कमजोर होंगे. इसी तरह भाई-बहन को दुखी करना मंगल-बुध को कमजोर करेगा. सफाई कर्मचारी या नौकरों का शोषण-अपमान करना कुंडली में शनि-राहु बिगाड़ेगा.