logo-image

हो जाइए तैयार! पीएम नरेंद्र मोदी नए साल में लेने वाले हैं और कठोर फैसले, जानें उनके लिए कैसा रहेगा 2021

साल 2020 (Year 2020) इतना चुनौतीपूर्ण गुजरा है कि शायद ही कोई दोबारा ऐसे हालात के लिए तैयार होगा. अब नया साल आने वाला है तो सभी लोग उम्‍मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. कैसा होगा नया साल, यह सवाल सभी के मन में है.

Updated on: 31 Dec 2020, 06:46 PM

नई दिल्ली:

साल 2020 (Year 2020) इतना चुनौतीपूर्ण गुजरा है कि शायद ही कोई दोबारा ऐसे हालात के लिए तैयार होगा. अब नया साल आने वाला है तो सभी लोग उम्‍मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. कैसा होगा नया साल, यह सवाल सभी के मन में है. आज हम आपको बताएंगे कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के लिए नया साल कैसा रहने वाला है, क्‍योंकि उनकी सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों का सीधा असर आम आदमी पर पड़ता है. 2021 पीएम नरेंद्र मोदी के लिए चुनौती लेकर आने वाला है या फिर सहज तरीके से गुजरने वाला है. 

पीएम नरेंद्र मोदी की कुंडली (PM Narendra Kundali) में मंगल मजबूत स्‍थिति में है, जो इन्‍हें साहसी, जुझारू, ऊर्जावान और सक्रिय बनाकर विरोधियों को परेशान कर सकता है. केंद्र में शनि की मूल त्रिकोण राशि है. पीएम मोदी की कुंडली में शनि महत्वपूर्ण ग्रह के रूप में स्थापित है, जो उन्हें होशियारी, कूटनीति, अभिनय, योग और अध्यात्म के साथ राजनीति के माहिर खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है. दूसरी ओर, कर्म भाव का शनि उन्‍हें चतुर राजनेता बनाता है. ऐसे लोग जल्‍दी हार नहीं मानते. कर्म के शनि के साथ शुक्र का भी योग है, जो राजयोग प्रदान करता है. ऐसे लोग राजनीति के शतरंज की बिसात पर आगे की कई चाल पहले चल देने के लिए जाने जाते हैं. 

जनवरी, 2011 से नरेंद्र मोदी की कुंडली में भाग्येश चंद्रमा की श्रेष्‍ठ दशा चल रही है. 22 जनवरी 2021 से वो मंगल की महादशा में प्रविष्ट होंगे. मंगल पहले से विराजमान है. यह महादशा मिश्रित फल देगी और इच्छाओं के विपरीत परिणाम मिल सकते हैं. इस दशा में अतिउत्साह से बचना चाहिए. 19 जून 2021 से मंगल की महादशा में राहु की अंतर्दशा शुरू हो रही है. 

17 सितंबर, 1950 को मेहसाणा, गुजरात के वडनगर में पीएम नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ था. पीएम मोदी की कुंडली के लग्न में लग्नेश मंगल, पराक्रमेश और सुखेश शनि कर्म भाव में सप्तमेश और व्ययेश शुक्र के साथ, भाग्येश चंद्रमा के साथ, बुध एकादश में स्वग्रही होकर मित्र सूर्य और केतु के साथ विराजमान है तो राहु पंचम भाव में शत्रु सूर्य के घर में मौजूद हैं.