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Geeta Jayanti 2022 : इन मंत्रों का करें जाप, आपके ऊपर हमेशा रहेगा भगवान कृष्ण का आशीर्वाद

हिंदू पंचांग में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती है

Updated on: 30 Nov 2022, 11:44 AM

नई दिल्ली :

Geeta Jayanti 2022 : हिंदू पंचांग में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंति है, यानी की गीता जयंति दिनांक 3 दिसंबर 2022 को है. कहा जाता है कि इस दिन गीता का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, वहीं आपको सारी कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है.अगर आप भगवान कृष्ण की सेवा नहीं कर पाते हैं,तो गीता जयंति के दिन आप इनकी पूजा-अर्चना कर सकते हैं और भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि गीता जयंति के दिन कौन से मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होता है, जिससे आपकी सारी परेशानियों दूर हो जाती है. 

गीता जयंति के दिन करें इन मंत्रों का जाप

1-घर की सुख-शांति और खुशहाली बनाए रखने के लिए या फिर अगर आपके घर बात-बात पर कलह होती रहती है, तो ऐसे में आपको इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. 
ये है वो मंत्र-
'कृष्णायवासुदेवायहरयेपरमात्मने। प्रणतक्लेशनाशायगोविन्दायनमोनम:॥'

2-अगर आप अपने प्रेमी या प्रेमिका से विवाह करना चाहते हैं, तो इस बार का 51 बार जाप करें, इससे आपको आपका मनचाहा जीवनसाथी मिलेगा.
'क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।'

3-अगर आप संतान प्राप्ति का सुख चाहते हैं, तो इस मंत्र का 21 बार जाप करें. 
'सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच।।'

4-अगर आपकी कुंडली में बुध और गुरु दोष है, जिससे आपके जीवन में बाधा आती रहती है, तो ऐसे में आपको इस मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए.
'देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:।।'

5-अगर आपके विवाह में किसी वजह से देरी हो रही है, तो ऐसे में इस मंत्र का जाप करना चाहिए.
'कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:।।'

6-अगर आपके जीवन से कष्ट जाने का नाम नहीं ले रहा है, तो ऐसे में आपको इस मंत्र का 21 बार जाप करें, इससे आपके जीवन में आ रहा कष्ट खत्म हो जाएगा.
'कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणतक्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम।।'

7-अगर आप हर परिस्थिति में विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो ऐसे में आपको 11 बार जाप करें.
'यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्।।