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गीता जयंती पर भगवान विष्णु की आराधना से मन को मिलती है शांति 

Geeta Jayanti 2021:मार्गशीर्ष माह के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी यानी कि मोक्ष वाली एकादशी कहा जाता है.

Updated on: 14 Dec 2021, 09:33 AM

नई दिल्ली:

Geeta Jayanti 2021: जिंदगी की हर परेशानी को दूर करने और बेहतर जिंदगी के लिए आज यानी 14 दिसंबर 2021 का दिन बेहद खास माना जाता है. दरअसल, मार्गशीर्ष माह के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी यानी कि मोक्ष वाली एकादशी कहा जाता है. इस दिन को गीता जयंती के रूप में मनाया जाता है. इसी एकादशी पर भगवान श्रीकृष्‍ण    ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इस दिन कुछ खास और आसान काम करने पर न केवल जिंदगी की सारी दुख-तकलीफें खत्‍म होती हैं बल्कि सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं. 

श्रीमद्भागवत गीता एकमात्र ऐसा ग्रंथ हैं, जिसकी जयंती मनाई जाती है, बाकी सभी ग्रंथों को मनुष्य द्वारा संकलित करा गया है. वहीं गीता के उपदेश साक्षात नारायण के अवतार भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से सामने आए हैं, ऐसे में गीता को महाग्रंथ का दर्जा दिया जाता है. 

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गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी वाले दिन श्रीमद्भागवद् गीता के साथ भगवान कृष्ण और महर्षि वेदव्यास की भी पूजा-अर्चना की जाती है. गीता के उपदेशों के जरिए भगवान ने जीवन का संपूर्ण सार बताया है. गीता के ज्ञान से हम धैर्य, दुख, लोभ व अज्ञानता से बाहर आते हैं. गीता मात्र ग्रंथ नहीं है, बल्कि अपने आप में संपूर्ण जीवन है. मान्यता है कि गीता जयंती के दिन श्रीमद्भागवत गीता के दर्शन मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति हो जाती है. 

इस दिन गीता के श्लोकों को पढ़ा जाता है. इसका पाठ करने के लिए वाचन के पूर्व जन्म के दोष दूर हो जाते हैं. गीता जयंती पर श्रीमद्भागवद गीता की फूलों से पूजा करी जाती है. इस दिन विधि पूर्वक श्रीमद्भागवत गीता और भगवान हरि विष्णु की पूजा करने से शुभ फल मिलते हैं. गीता जयंती वाले दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से मन को शांति मिलती है. इसके साथ ज्ञान की प्राप्ति होती है. इस दिन गीता का दान आम जनता के बीच किया जाना चाहिए.