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कुवांरी कन्याओं से लेकर सुहागिनों तक के लिए अखंड वरदान है गौरी व्रत ( Photo Credit : News Nation)
Gauri Vrat 2022 Tithi and Daan: हिंदू धर्म में गौरी व्रत कुवांरी कन्याओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है. इस व्रत में कन्याएं भगवान महादेव शिव एवं माता गौरी की पूजा करती हैं और भगवान से अच्छे एवं सुयोग्य वर देने की प्रार्थना करती हैं. यह व्रत हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से शुरू किया जाता है और पूर्णिमा को संपन्न होता है. पंचांग के अनुसार, इस बार गौरी व्रत 09 जुलाई 2022, दिन शनिवार को प्रारंभ होगा और 13 जुलाई 2022, दिन बुधवार को समाप्त होगा. गौरी व्रत बहुत ही फलदायी माना गया है, यह अखंड सुहाग, संतान की रक्षा तथा संतान प्राप्ति की कामना रखने वाली महिलाओं के लिए भी बहुत महत्व रखता है. यह दांपत्य जीवन की समस्या दूर करके घर में हो रहे कलह तथा सभी कष्टों से मुक्ति देता है.
गौरी व्रत 2022 तिथि
आषाढ़ माह शुक्ल एकादशी तिथि प्रारंभ: 09 जुलाई 2022, शनिवार 04:39 pm
आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त: 10 जुलाई 2022, रविवार 02:13 pm
आषाढ़ माह गुरु पूर्णिमा: 13 जुलाई 2022, बुधवार
गौरी व्रत के दिन निम्न चीजों का दान जरूर करना चाहिए
- पूजन सामग्री, लाल चंदन, केसर, कस्तूरी
- सुहाग सामग्री, लाल पुष्प, लाल वस्त्र
- मसूर की दाल, गेहूं, मिठाई
- तांबा, सोना, चांदी की वस्तुएं (जैसे पायल, बिछुड़ी, कंगन, अंगूठी)
- लाल बैल
- भूमि दान