/newsnation/media/media_files/V6gWoWj9P4j2aQXT1PZP.jpg)
Garuda Purana Tips: हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथ गरुड़ पुराण में जीवन और मृत्यु के बीच के सफर के बारे में विस्तार से बताया गया है. इस ग्रंथ के अनुसार, हर व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक में स्थान मिलता है. कभी-कभी लोग अनजाने में कुछ गलतियां कर बैठते हैं और चिंता में रहते हैं कि कहीं इन गलतियों की वजह से उन्हें नरक में तो नहीं जाना पड़ेगा. गरुड़ पुराण में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिनसे मृत्यु के समय आत्मा को सीधे वैकुंठ धाम में स्थान मिल सकता है.
भगवत गीता का पाठ सुनाएं
गरुड़ पुराण के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति को मृत्यु के समय भगवत गीता का पाठ सुनाया जाए, तो उसकी आत्मा को स्वर्ग में स्थान मिल सकता है. माना जाता है कि गीता का पाठ सुनने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और यमदूत उस व्यक्ति के पास नहीं आते. इस तरह, व्यक्ति आसानी से प्राण त्याग सकता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मुंह में गंगाजल डालें
गंगाजल को हिंदू धर्म में पवित्र और मोक्ष प्रदान करने वाला माना गया है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि अगर किसी व्यक्ति के मरते समय उसके मुंह में गंगाजल डाला जाए, तो उसके सभी पाप धुल जाते हैं. ऐसा करने से उस व्यक्ति की आत्मा स्वर्ग में स्थान पाने के योग्य हो जाती है.
श्री राम नाम का जाप करें
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के समय 'श्री राम' का नाम लेने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति अंतिम समय में राम नाम का जाप करें, तो उसे यमराज की सजा से मुक्ति मिलती है. इसलिए जब किसी का अंतिम समय नजदीक हो, तो उसके आसपास के वातावरण को शुद्ध और सुगंधित रखा जाए और राम नाम का जाप कराया जाए.
मुंह में तुलसी का पत्ता रखें
तुलसी के पत्ते को हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के समय मरने वाले व्यक्ति के मुंह में तुलसी का पत्ता रखने से उसकी आत्मा को शांति मिलती है और वह सीधे वैकुंठ धाम में जाती है. तुलसी का पत्ता मुंह में रखने से व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष का मार्ग मिलता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन केधर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)