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कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच गंगोत्री धाम के कपाट खुले

वैशाख शुक्ल तृतीया के शुभ अवसर पर शनिवार सुबह साढ़े सात बजे गंगोत्री धाम के कपाट पूरे धार्मिक अनुष्ठानों के साथ खोल दिए गए. शुक्रवार को मां गंगा की प्रतिमा भैरों घाटी पहुंची.

Updated on: 16 May 2021, 11:08 AM

नई दिल्ली:

वैशाख शुक्ल तृतीया के शुभ अवसर पर शनिवार सुबह साढ़े सात बजे गंगोत्री धाम के कपाट पूरे धार्मिक अनुष्ठानों के साथ खोल दिए गए. शुक्रवार को मां गंगा की प्रतिमा भैरों घाटी पहुंची. शनिवार सुबह चार बजे मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई. इस अवसर पर मानव कल्याण की कामना करते हुए मां गंगा की आरती की गई. चार धाम यात्रा स्थगित होने के कारण चारों धामों के कपाट सांकेतिक रूप से खोल दिए गए. केवल पूजा की परंपरा को निभाने वाले लोगों को ही धामों में जाने की अनुमति है. प्रतिदिन धामों में पूजा-पाठ जारी रहेगा. चारों धामों के कपाट खुलने के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का विधिवत पालन किया गया.

इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति के कुछ लोग, अनुमंडल पदाधिकारी, उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के विशेष अधिकारी उपस्थित थे. इससे पहले यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिए गए हैं और सोमवार को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे. शनिवार को केदारनाथ के भगवान की 'पंचमुखी डोली' केदारनाथ पहुंची.

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण चार धाम यात्रा स्थगित कर दी गई है. स्थिति सामान्य हुई तो चार धाम यात्रा शुरू होगी. भक्तों को अपने घर पर ही पूजा-अर्चना करनी चाहिए.

गंगोत्री मंदिर समिति के रविंद्र सेमवाल ने कहा कि कोरोना की वजह से सीमित संसाधनों के साथ गंगोत्री धाम में पूजा पाठ और मां गंगा की आरती का आयोजन हर दिन किया जाएगा. आम लोगों को न तो इस धाम की यात्रा और न ही मंदिर में दर्शन की अनुमति दी गई है.

गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि साल 2020 की तरह इस साल भी गंगोत्री धाम के कपाट बड़े सादगी से खोले गए. कोरोना गाइडलाइन के हिसाब से मंदिर परिसर में पुरोहित और प्रशासन के कुछ लोगों ने शिरकत की. मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ खोल तो दिए गए हैं, लेकिन हर साल की तरह गंगोत्री धाम में ना तो आर्मी के बैंड दिखे और ना भक्तों का उत्साह अब धाम के व्यापारियों और पंडा पुरोहितों को उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना महामारी समाप्त होगी और धामों में फिर से चहल-पहल के साथ चार धाम यात्रा शुरू हो पाएगी.

वहीं बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खुल जाएंगे. कोविड के कारण प्रसिद्ध चारधाम यात्रा स्थगित कर दी गई है. स्थानीय जिलों के निवासी तक भी मंदिरों में नहीं जा सकेंगे. हालांकि देश भर के लाखों श्रद्धालु फिर भी बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के दर्शन कर सकेंगे. तकनीक एवं वर्चुअल दर्शन के जरिए यह संभव किया जाएगा. देवस्थानम बोर्ड इसके लिए आवश्यक तैयारी शुरू करने जा रहा है. उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि चारधाम के श्रद्धालुओं वर्चुअल दर्शन हेतु रूपरेखा तय की जा रही है. इससे यात्रा स्थगित होने के बावजूद श्रद्धालु बद्रीनाथ केदारनाथ समेत चारों धाम के दर्शन कर सकेंगे.