Ganga Saptami 2025: गंगा सप्तमी 03 मई 2025 दिन शनिवार को मनाई जा रही है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गंगा सप्तमी वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन गंगा में डुबकी लगाने, तप, ध्यान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गंगा सप्तमी के दिन कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी होती है, वरना धन की देवी मां लक्ष्मी नाराज हो जाएंगी. आइए जानते हैं गंगा सप्तमी के दिन किन गलतियों को करने से बचना चाहिए....
गंगा सप्तमी पर न करें ये गलतियां-
सफाई का रखें ख्याल
गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करते समय हमेशा नदी की धारा या सूर्य की ओर मुख करके स्नान करना चाहिए. गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में राख प्रवाहित नहीं करनी चाहिए और न ही पुराने कपड़े गंगा में फेंकने चाहिए.
मन को पवित्र रखें
इस दिन गंगा में स्नान करते समय मन में किसी प्रकार का छल कपट नहीं रखना चाहिए. बल्कि सच्ची आस्था के साथ गंगा में डुबकी लगना चाहिए. गंगा में स्नान करते समय पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
गंगा स्तोत्र और गंगा आरती करें
गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान करते समय गंगा स्तोत्र और गंगा आरती का पाठ करना ना भूलें. इस दिन गंगा स्नान के दौरान ऐसा करने से मां गंगा की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
घर में गंदगी न रखें
इस दिन अपने घर को साफ-सुथरा रखें. गंगा माता और देवी लक्ष्मी स्वच्छता को अत्यंत प्रिय मानती हैं. घर की सफाई न करना और कूड़ा-करकट फैलाना अशुभ माना जाता है.
गंगा जल का अपमान न करें
गंगा जल को सिर्फ जल नहीं, बल्कि ‘अमृत’ माना जाता है. इस दिन गंगा जल को गंदे स्थान पर रखना या अपवित्र जगहों में इस्तेमाल करना या बिना श्रद्धा के उपयोग करना अशुभ माना जाता है.
मांस-मदिरा से रहें दूर
गंगा सप्तमी के दिन मांस, मदिरा, तामसिक भोजन आदि का सेवन पूर्णतः वर्जित होता है. यह दिन सात्त्विकता और शुद्धता का प्रतीक है. इन चीजों के सेवन से देवी लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं.
गंगा सप्तमी पर करें ये शुभ कार्य-
प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठें और स्नान के बाद गंगा जल से मां गंगा की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें.
गंगा माता का ध्यान करते हुए 'ॐ नमो भगवत्यै गंगे' मंत्र का जाप करें.
गंगा स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम या श्रीसूक्त का पाठ करें.
गरीबों को अन्न, वस्त्र, और जल दान करें
दीपदान करें — विशेषकर गंगा तट पर दीप जलाकर प्रवाहित करना शुभ माना जाता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)