Ganga Saptami 2022: गंगा सप्तमी के दिन इन दो चीजों को गंगा नदी में बहाने से खत्म हो जाता है बुरी नजर का असर, ऊपरी बाधाओं के चक्कर से मिल जाती है मुक्ति
धार्मिक मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं. इसके अलावा गंगा सप्तमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने से जातकों को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं. आज हम आपको उन्हीं उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं.
नई दिल्ली :
Ganga Saptami 2022: ज्योतिष कालगणना और पंचांग के अनुसार इस साल 8 मई दिन रविवार, यानी कि आज वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी है. पुराणों के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि इसी दिन गंगा माता का धरा पर अवतरण हुआ था इसलिए गंगा स्नान, सूर्य को अर्घ्य और दान का विशेष महत्व है. मां गंगा को पापनाशिनी कहा जाता है इसलिए गंगा के पवित्र जल में स्नान करने मात्र से लोगों के सभी पाप धुल जाते हैं. किसी भी पूजा पाठ में गंगाजल का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि गंगा के जल में कभी भी कीड़े नहीं पड़ते, यह जल कभी प्रदूषित नहीं होता इसलिए तमाम तरह के शारीरिक रोगों के इलाज में गंगा जल के सेवन को मान्यता दी गई है. इसके अतिरिक्त आज के दिन किये गए उपाय भी बेहद प्रभावशाली माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गंगा सप्तमी के दिन 2 ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें गंगा नदी में बहाने से न सिर्फ कुदृष्टि का असर खत्म हो जाता है बल्कि ऊपरी बाधाओं के चक्कर से भी व्यक्ति को मुक्ति मिल जाती है.
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गंगा सप्तमी पर पूजा
इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि गंगा सप्तमी के दिन सुबह-सुबह गंगा में डुबकी लगाकर स्नान करने पर, गंगा की आरती करने पर, गंगाजल हाथ में लेकर सूर्य को अर्घ देने पर, मन को शांति मिलती है और मां गंगा के प्रसन्न होने से मां गंगा का आशीर्वाद मिलता है.
गंगा सप्तमी 2022 के अचूक उपाय
- स्नान करने के बाद पान के पत्ते पर अक्षत और फूल रखकर गंगा में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है.
- घी के दीपक जला कर मां गंगा की आरती करनी चाहिए.
- चांदी के लोटे में जल भरकर नंगे पैर घर से निकलकर भगवान भोलेनाथ के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और मनोकामना की पूर्ति होती है
- भगवान भोलेनाथ की प्रार्थना के साथ साथ जलाभिषेक करके बेलपत्र चढ़ाने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है.
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