देशभर में गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया गया। इस दिन 'गणपति बप्पा' घर घर पधारे। गणेश चतुर्थी का यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिन तक धूम-धाम से पूजन-अर्चन करके मनाया जाता है।
इस त्योहार को भगवान गणेशजी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह उत्सव भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर शुरु होता हैं। इस साल यह तिथि 25 अगस्त को पड़ रही है। देशभर में इस दिन गणेशजी की मूर्ति स्थापना की जाएगी और अनंत चतुर्दशी 5 सितंबर को है, इस दिन गणपति विसर्जन किया जाएगा।
पूजा की विधि
गणपति बप्पा का पंसदीदा रंग लाल होता है। ऐसे में सुबह नहा-धोकर शुद्ध लाल रंग के कपड़े पहनकर बप्पा को घर में लाए। बप्पा की चौकी पर भी लाल रंग का ही कपड़ा बिछाएं।
बप्पा को घर में लाते ही पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद चौकी पर बिठाकर उनके आस-पास ऋद्धि-सिद्धि के रूप में दो सुपारी बिठाए। मौली और जनेऊ अर्पित करें। लाल रंग के पुष्प या माला आदि चढ़ाए।
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मोदक का भोग लगाए
इस बार आप भी जब उन्हें अपने घर में लाये तो उससे पहले 'मोदक' का प्रसाद बनाना न भूलें हालांकि आजकल बाज़ारों में भी अब अलग-अलग तरीकों के मोदक मौज़ूद है। मोदक का भोग और सच्ची भक्ति के साथ गणेश जी का स्वागत करिये और उनकी कृपा का पात्र बनिए और अपनी हर मनोकामना को पूर्ण कीजिये।
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Source : News Nation Bureau