Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? यहां जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. आइए जानते हैं इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है.

Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. आइए जानते हैं इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है.

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Rajvant Prajapati
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Ekdant Sankashti Chaturthi Vrat Katha

Ekdant Sankashti Chaturthi 2025 (freepik)

Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: विघ्नहर्ता भगवान गणेश की चतुर्थी तिथि को पूजा-अर्चना की जाती है. हर माह की चतुर्थी तिथि पर अगर भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत किया जाए तो भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं. साथ ही घर में सुख-समृद्धि में बनी रहती है. हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है. इसी प्रकार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. आइए जानते हैं इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है और शुभ मुहूर्त क्या है...

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कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी-

वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 16 मई 2025 को सुबह 04:02 बजे पर प्रारंभ होकर अगले दिन यानी 17 मई को सुबह 05:13 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि में एकदंत संकष्टी चतुर्थी का पर्व इस वर्ष 16 मई को मनाया जाएगा.

एकदंत संकष्टी चतुर्थी के शुभ मुहूर्त-

-ब्रह्म मुहूर्त सुबह के 04: 06 बजे से शुरू होकर 04: 48 बजे तक रहेगा.
-विजय मुहूर्त दोपहर के 02:34 बजे से शुरू होकर 03:28 तक रहेगा.
-गोधूलि मुहूर्त शाम के 07:04 बजे से शुरू होकर 07:25 बजे तक रहेगा.
-निशिता मुहूर्त रात के 11:57 बजे से शुरू होकर 12:38 बजे तक रहेगा.

एकदंत संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि-

-एकदंत चतुर्थी के दिन उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहने.
-इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें. चौकी पर साफ कपड़े बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति रखें.
-भगवान गणेश को पीला चंदन लगाकर पूजा शुरू करें और पुष्प अर्पित करें. 
-एकदंत चतुर्थी के दिन गणेश जी को भोग में उनका प्रिय मोदक और लड्डू अर्पित करें. 
-देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान की आरती करें.
-गणेश जी के मंत्रों का जाप और चालीसा का पाठ जरूर करें. 
-पूजा के अंत में सभी भक्तों को प्रसाद वितरित करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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