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Marriage in Same Gotra: एक ही गोत्र में शादी करने से क्या होता है! क्या इससे तबाह हो जाता है पूरा परिवार?

Marriage in Same Gotra: क्या आप जानते हैं कि आखिर हिन्दू धर्म में एक ही गोत्र में शादी क्यों नहीं की जाती है? अगर नहीं, तो आइए जानते हैं एक ही गोत्र में शादी करने से क्या होता है.

Updated on: 30 Nov 2023, 01:54 PM

नई दिल्ली:

Marriage in Same Gotra: यूं तो हिंदू धर्म में शादी को लेकर कई सारी प्रथाएं प्रचलित हैं जिसे लोग आज भी अपनाते हैं. इन्हीं में से एक गोत्र है. हिंदू धर्म में जब भी कोई शादी होती है तो गोत्र जरूर देखा जाता है, बिना गोत्र देखें शायद ही कोई शादी होती होगी.सनातन धर्म में भी इसका काफी महत्व होता है. ऐसा कहा जाता है कि गोत्र का चलन इसलिए शुरू किया गया ताकि एक ही खून से संबंध रखने वाले लोगों की आपस में शादी न हों. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर एक ही गोत्र में शादी क्यों नहीं की जाती? आपको बता दें कि इसको लेकर कई सारी मान्यताएं मौजूद हैं. तो चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण क्या है. 

क्या होता है गोत्र?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोत्र सप्तऋषि के वंशज रूप हैं. आपको बता दें कि सप्तऋषि का अर्थ है 7 ऋषि. इन 7 ऋषि में अंगिरस, अत्रि, गौतम, कश्यप, भृगु, वशिष्ठ और भारद्वाज शामिल हैं. 

एक ही गोत्र में शादी क्यों नहीं होती? 

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो एक ही गोत्र में शादी इसलिए नहीं की जाती क्योंकि लड़का-लड़की का एक ही गोत्र होने का मतलब होता है कि उनके पूर्वज एक ही थे. इसलिए आपस में उनका रिश्ता भाई-बहन वाला हो जाता है.

एक ही गोत्र में शादी करने से क्या होता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक ही गोत्र में शादी करने से संतान पैदा होने में दिक्कत होती है. संतान को लंबे समय तक के लिए बीमारियां पीछे नहीं छोड़ती. इसके अलावा शादी में भी बाधा आती रहती है. 

क्या है वैज्ञानिक कारण? 

वैज्ञानिक के नजरिए से भी एक ही गोत्र में शादी करना वर्जित माना गया है. दरअसल वैज्ञानिक के अनुसार लड़के और लड़की के बीच डीएनए के घनिष्ठ संबंध उनके वैवाहिक जीवन से लेकर संतान प्राप्ति तक में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. 

इन गोत्रों में नहीं करते शादी

हिंदू धर्म में कुछ गोत्र ऐसे होते हैं जिनमें शादी करना वर्जित माना जाता है. दरअसल, जब शादी होती है तो शादी के समय तीन गोत्र छोड़े जाते हैं. पहला माता के गोत्र से जोड़ा जाता है, दूसरा पिता के गोत्र से और तिसरा दादी के गोत्र से जोड़ा जाता है. इसके अलावा बाकी किसी भी गोत्र में शादी किया जा सकता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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