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Eid-e-Milad-Un-Nabi 2023: क्यों मनाया जाता है ये खास दिन! जानें इससे जुड़ी विशेष बातें...

Eid-e-Milad-Un-Nabi 2023 क्यों मनाया जाता है? इस्लाम में मानने वाले लोगों के लिए ये दिन इतना खास क्यों हैं? चलिए जानते हैं सबकुछ...

Updated on: 28 Sep 2023, 10:59 AM

नई दिल्ली:

इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. आज यानि 28 सितंबर 2023 के दिन की इस्लामिक कैलेंडर में बहुत मान्यता है. इसके मुताबिक आज ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार है, जिसे तीसरे महीने में रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था. इस दिन इस्लाम को मानने वाले, तमाम लोग खुशियों के साथ इस खास उत्सव का जश्न मनाते हैं... चलिए जानें इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें...

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी क्यों मनाई जाती है

दरअसल इस्लाम में पैगंबर मुहम्मब को मार्गदर्शक माना जाता है. इसी वजह से उनके यौम ए पैदाइश के दिन को एक जश्न के तौर पर मनाया जाता है. इसे ईद-ए-मिलाद-उन-नबी कहा जाता है, जिसमें 'मिलाद' का अर्थ है पैगंबर मुहम्मद सहाब की जन्मतिथि, मिलाद का हिंदी अर्थ 'जन्म' होता है. लिहाजा इस्लाम का ये खास दिन ‘पैगंबर हजरत मुहम्मद’ के जन्म से जुड़ा है. बता दें कि इसे मनाने की शुरुआत, कई दशकों पहले हुई, जब इस्लाम में मानने वाले पैगंबर मुहम्मद के सम्मान में उनका जिक्र किया करते. ये दौर इस्लाम के शुरुआती दिनों का था.  

क्या है इस दिन का महत्व

इस्लामी दुनिया के निर्माण और मार्गदर्शन में पैगंबर मुहम्मद का बहुत बड़ा योगदान था, जिन्हें अल्लाह द्वारा लोगों को जाहिलियत के अंधेरे से बाहर निकालने के लिए भेजा गया था.  ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद मिलादुन्नबी का ये दिन, जो पैगंबर मुहम्मद की यौम ए पैदाइश का दिन है, इस्लाम में मानने वालों और मुसलमानों के लिए बहुत महत्व रखता है. इस दिन को लोग एक जश्न और उत्सव के तौरपर भरपूर खुशियों के साथ मनाते हैं.  

कैसे मनाया जाता है ये है पर्व

ये एक बड़ा त्योहार है, लिहाजा इस दिन को भरपूर जश्न मनाया जाता है. इस खास मौके पर लोग घरों और मस्जिदों को सजाते हैं. तमाम तरह के पकवान पकाते हैं और हर तरफ रोनक हो जाती है. इसके अतिरिक्त घरों में और मस्जिदों में पैगंबर मुहम्मद साहब की बताई गई शांति, भाईचारे, प्रेम, इबादत और सच्चाई की बातें सिखाई जाती है. पवित्र ग्रंथ कुरान पढ़ी और पढ़ाई जाती है.