Easter 2020: जानें 'Good Friday' के बाद ईस्टर मनाने की पीछे क्या है बड़ी वजह
आज ईसाईयों का त्यौहार ईस्टर (Easter 2020) मनाया जा रहा है पूरे देश में इसकी खास धूम रहती है लेकिन इस बार कोरोना वायरस के साया ने इस दिन को थोड़ा-सा फीका कर दिया. लेकिन आप इस घर में ही रहकर अपनों से साथ सेलिब्रेट कर सकते है.
नई दिल्ली:
आज ईसाईयों का त्यौहार ईस्टर (Easter 2020) मनाया जा रहा है पूरे देश में इसकी खास धूम रहती है लेकिन इस बार कोरोना वायरस के साया ने इस दिन को थोड़ा-सा फीका कर दिया. लेकिन आप इस घर में ही रहकर अपनों से साथ सेलिब्रेट कर सकते है. इस दिन को मनाने के पीछे कहा जाता है कि ईसा मसीह को सूली पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद उन्होंने धरती पर जन्म लिया था इसलिए इस खुशी में ईस्टर संडे मनाया जाता है. 40 दिन का पारंपरिक ईस्टर उपवास भी इसी संडे को खत्म होता है.
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कहा जाता है ईसा मसीह ने जिंदा होने के बाद अपने शिष्यों के साथ 40 दिन रहकर हजारों लोगों को दर्शन दिए थे. इस पवित्र संडे को खजूर इतवार भी कहा जाता है.
ईस्टर को नए जीवन और जीवन के बदलाव के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. यह भाईचारे और स्नेह का प्रतीक माना जाता है. ईस्टर पर एग को शुभ माना जाता है. ये एग असल में चॉकलेट के बने होते हैं. जो अंदर से खोखले होते है. इन्हें ईसा मसीह के मकबरे का सूचक माना जाता है.
ईस्टर के दिन लोग चर्च और घरों में मोमबत्तियां जलाते हैं और इस दिन प्रभु भोज का आयोजन भी किया जाता है. ईस्टर पर संता की जगह बनी आता है. जो लोगों के घर जाकर उन्हें एग गिफ्ट करता है.
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