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दशहरे पर नीलकंठ के दर्शन से जाग उठेगा भाग्य, सुख-समृद्धि का होगा वास

Dussehra 2022 Puaranik Mahatva: हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है. हर साल अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध क

Updated on: 04 Oct 2022, 02:32 PM

नई दिल्ली:

Dussehra 2022 Puaranik Mahatva: हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है. हर साल अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था. तभी से हर साल दशहरा यानी विजयादशमी के दिन लोग रावण के पुतले का दहन करके बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का पर्व मनाते हैं. हर साल ये पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इसके अलावा इसी दिन शारदीय नवरात्रि के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाएगा. ऐसे में चलिए जानते हैं दशहरे पर क्यों लाभदायक होता है नीलकंठ के दर्शन करना. 

दशहरा 2022 शुभ मुहूर्त (Dussehra 2022 Shubh Muhurt)
दशमी तिथि की शुरुआत 04 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से हो रही है. वहीं ये तिथि 05 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे समाप्त होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन विजयादशमी की पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक है.

दशहरा 2022 पूजा विधि और महत्व (Dussehra 2022 Puja Vidhi aur Mahatva) 
दशहरा या दशहरे के दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ कपड़े पहनें. इसके बाद प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की पूजा करें. कई जगहों पर इस दिन गाय के गोबर से 10 गोले बनाए जाते हैं और इन गोलों के ऊपर जौ के बीज लगाए जाते हैं. 

इसके बाद भगवान को धूप और दीप दिखाकर पूजा करें और इन गोलों को जला दें. कहा जाता है कि रावण के 10 सिर की तरह ये गोले अहंकार, लोभ, लालच का प्रतीक होते हैं. अपने अंदर से इन बुराइयों को खत्म करने की भावना के साथ ये गोले जलाए जाते हैं.

दशहरा 2022 पूजा का महत्व (Dussehra 2022 Ravan Dahan Ka Mahatva)
विजयादशमी यानी दशहरा के दिन मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम की पूजा की जाती है. एक तरफ मां दुर्गा जहां शक्ति की प्रतीक हैं, वहीं भगवान राम मर्यादा, धर्म और आदर्श व्यक्तित्व के प्रतीक हैं. कहा जाता है कि जीवन में शक्ति, मर्यादा, धर्म और आदर्श का विशेष महत्व है, जिस व्यक्ति के भीतर ये गुण होते हैं वह सफलता को प्राप्त करता है. इसलिए दशहरा पूजा अवश्य करनी चाहिए.

नीलकंठ के दर्शन हैं शुभ (Dussehra 2022 Neelkanth Darshan)
हिंदू धर्म में नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना गया है. दशहरा के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभ फल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय, धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.