क्या आप जानते हैं साल में चार बार आते हैं नवरात्र, हम क्यों मनाते हैं नवरात्र, जानिए Intresting Facts
हम नवरात्र कैसे मनाएं क्यों मनाए नवरात्र में क्या खाएं क्या ना खाएं ऐसे सवालों से पहले क्या आपको ये पता है कि नवरात्र का मतलब क्या होता है।
नई दिल्ली:
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं और व्रत त्योहारों में नवरात्र को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है और हमारे देश में हिन्दू समुदाय के लोग इसे लगभग पूरे देश बड़े धूमधाम से मनाते हैं। हम नवरात्र कैसे मनाएं क्यों मनाए नवरात्र में क्या खाएं क्या ना खाएं ऐसे सवालों से पहले क्या आपको ये पता है कि नवरात्र का मतलब क्या होता है।
जानिए नवरात्र के बारे में बेहद Intresting Facts-
1. नवरात्र का मतलब होता है नौ रात यानि की नौ रातें। हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दुनिया का निर्माण दुर्गा माता के गर्भ से हुआ है और पूरी मानव जाति के लिए गर्भ के ये नौ महीने नौ रातों के सामान होते हैं जिनमें आत्मा मानव शरीर में आकर बसती है।
2. जैसे रात को लोग आराम करते हैं और उससे फिर सुबह में शरीर में नई ताकत महसूस करते हैं उसी तरह नवरात्र की इन नौ रातों में मानव शरीर में एक्सट्रा एनर्जी का संचार होता है जो पूरे मानव समुदाय के लिए फायदेमंद होता है।
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3. आपको शायद ही पता होगा कि एक साल में चार नवरात्र आते हैं। 1. वासांतिक नवरात्र, 2. शारदीय नवरात्र, 3. आषाढ़ी नवरात्र और 4.माघी गुप्त नवरात्र। इन चारों नवरात्रों में आमतौर पर शारदीय नवरात्र और वासांतिक नवरात्र को ही हम मनाते है जिसमें शारदीय नवरात्र को सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है जो आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर के महीने में आता है।
4. इन 9 दिनों में हम देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा करते हैं जिसमें पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी तीसरे दिन चंद्र घंटा चौथे दिन कूष्माण्डा पांचवे दिन स्कंदमाता छठे दिन कात्यायनी सातवें दिन कालरात्रि आठवें दिन महागौरी और नवे दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा होती है।
5. नवरात्रि के इन नौ रातों में तीन देवियों महालक्ष्मी, महासरस्वती और दुर्गा के नौ रूपों की विशेष तौर पर पूजा की जाती है इसलिए आमतौर पर इसे नवदुर्गा कहते हैं।
6. नवरात्र और दुर्गा पूजा मनाए जाने के पीछे दो धारानाएं बेहद प्रचलित है इसमें एक तो ये कि भगवान राम ने रावण को युद्ध में हराने के लिए चंडी देवी की पूजा की थी जिससे प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने उन्हें विजयी होने का आशिर्वाद दिया था और दूसरी ये कि महिषासुर नाम के राक्षस ने देवी-देवताओं से वरदान पाकर उन्ही से युद्ध करने लगे और मानव जाति को प्रताड़ित करने लगे जिससे तंग आकर सभी देवताओं अपने अंश से देवी दुर्गा की रचना की और सभी ने उनको अपने अपने अस्त्र-शस्त्र देकर उनको बेहद शक्तिशाली बना दिया जिसके बाद देवी दुर्गा 8 दिनों तक महिषासुर से लगातार लड़ती रहीं और 9 वे दिन उसका संहार कर दिया यानि की उसको मार दिया जिसके बाद देवता सहित पूरी मानव प्रजाति ने दशहरा मनाया था।
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