Vastu Tips: क्या आप जानते हैं कि किस ग्रह के लिए कौन सी दिशा होती है. शनि की दिशा में भोजन नहीं करते तो यम की दिशा में सोते नहीं हैं. इसी तरह के पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण दिशाओं में किस ग्रह का आधिपत्य है ये हम आपको बता रहे हैं. अगर आप वास्तु दोष से बचना चाहते हैं तो आपको ये जानकारी होनी चाहिए. तो आइए जानते हैं दिशाओं के साथ ग्रहों का क्या संबंध है, और उस दिशा में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
धार्मिक कार्यों के लिए दिशा
वास्तु शास्त्र में धार्मिक कार्यों के लिए पूर्व दिशा को सबसे उत्तम माना गया है. इस दिशा में सूर्य की रोशनी सबसे अधिक होती है और बृहस्पति देव जिन्हें ग्रहों का गुरु माना जाता है उनकी भी यही दिशा होती है इस वजह से इस दिशा को पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्य के लिए सबसे उत्तम दिशा माना जाता है.
ये है शनि की दिशा
परिवार और रिश्तों के लिए शनि की दिशा को सबसे उत्तम माना जाता है. वास्तु शास्त्र में पश्चिम दिशा को शनि की दिशा बताया गया है. लेकिन आप अगर इस दिशा में बैठकर भोजन करते हैं तो ऐसा कहा जाता है कि इससे संघर्ष बढ़ता है. सोते समय भी आपको इस दिशा को इग्नौर करना चाहिए इसके अलावा आर्थिक मामलों के हिसाब से भी ये दिशा उत्तम नहीं मानी जाती. लेकिन आप अगर पश्चिम दिशा में ध्यान या प्रार्थना करते हैं तो इससे आपको लाभ जरुर मिलता है.
धन धान्य की दिशा है ये
किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने के लिए उत्तर दिशा को सबसे उत्तम दिशा वास्तु शास्त्र में बताया गया है. इस दिशा में आप देवी-देवताओं की उपासना करते हैं तो इससे आपके धन धान्य में बरकत होती है. इसे शुभ दिशा भी कहा जाता है. तो आप जब किसी नए काम की शुरुआत करें तो इस दिशा में ही अपना मुंह रखें.
मंगल और यम की दिशा होती है ये
वास्तुशास्त्र में दक्षिण की दिशा को मंगल और यम की दिशा बताया गया है. अगर आप इस दिशा में कोई कार्य करते हैं तो उसके विपरीत परिणाम मिलते हैं. आपके घर या ऑफिस में अगर दक्षिण दिशा का दोष हो तो ऐसे में आप हमेशा किसी वाद-विवाद में घिरे रहेंगे. सुख शांति नहीं होगी. अगर ऐसा हो तो इसका समाधान हनुमान जी की पूजा से आपको मिल सकता है. इसके अलावा आप मंगल यंत्र को भी दक्षिण दिशा में स्थापित कर दिशा दोष मुक्त हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau