Chhath Mahaparva: छठ महापर्व के दिनों में गलती से न करें या काम, जाने शास्त्रों के अनुसार क्या करें और क्या न करें

Chhath Mahaparva: हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के दैरान क्या करें क्या न करें, इस बारे में शास्त्रों में बताया गया है.

Chhath Mahaparva: हिंदू धर्म में छठ पूजा का विशेष महत्व है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के दैरान क्या करें क्या न करें, इस बारे में शास्त्रों में बताया गया है.

author-image
Inna Khosla
New Update
Do not do this work by mistake during Chhath Mahaparva

Do not do this work by mistake during Chhath Mahaparva

Chhath Mahaparva: छठ महापर्व एक कठिन और संयमित व्रत है, जिसमें व्रती को विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है. इन नियमों का पालन करने से व्रती को मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है. शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत में की गई आराधना से सूर्य देव और छठी मैया का आशीर्वाद मिलता है, जिससे परिवार की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है. छठ महापर्व हिन्दू धर्म में सूर्य उपासना का पर्व है. यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाता है. छठ पूजा का प्रमुख उद्देश्य सूर्य देव और छठी मैया की आराधना करके परिवार की सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति करना है. छठ व्रत में कई शास्त्रीय नियम और परंपराएं होती हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य माना गया है. आइए जानते हैं छठ महापर्व में क्या करें और क्या न करें.

Advertisment

छठ महापर्व में क्या करें

  • छठ पूजा के दौरान व्रती और परिवार को अत्यधिक साफ-सफाई का पालन करना चाहिए. पूजा स्थल, घर और किचन को विशेष रूप से स्वच्छ रखें.
  • व्रत के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए. प्याज, लहसुन का सेवन और तामसिक भोजन से दूर रहें. इस दौरान सभी प्रकार के मांस, अंडे और मदिरा का परहेज करें.
  • नदियों या तालाबों के किनारे सूर्य को अर्घ्य देना महत्वपूर्ण माना जाता है. छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सूर्य को अर्घ्य देना ही होता है. यह जलाशय के किनारे, जैसे नदी, तालाब या पोखर पर किया जाता है, जहां व्रती पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं.
  • छठ पूजा में बांस की सूप, टोकरी और गन्ने का विशेष महत्व होता है. इनमें पूजा सामग्री रखकर सूर्य देव और छठी मैया को अर्पित किया जाता है.
  • छठ व्रत के दौरान खाए जाने वाले भोजन को बिना प्याज और लहसुन के बनाना चाहिए. प्रसाद में ठेकुआ, चावल के लड्डू, चने की दाल और कद्दू का भोग होता है, जिसे उपवास करने वाले ग्रहण करते हैं.
  • सूर्यास्त और सूर्योदय के समय पूजा करनी चाहिए. छठ पूजा की आराधना सूर्यास्त और सूर्योदय के समय ही होती है. व्रतधारी को श्रद्धा और संकल्प के साथ यह पूजा करनी चाहिए.

छठ महापर्व में क्या न करें

  • छठ पूजा में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाता है. इसलिए गंदे या अशुद्ध वस्त्र पहनकर पूजा नहीं करनी चाहिए.
  • धनिया, हल्दी और सरसों का उपयोग इस व्रत के दौरान न करें. छठ पूजा में कुछ सामग्री का उपयोग वर्जित माना जाता है, क्योंकि इन्हे तामसिकता का प्रतीक माना जाता है.
  • व्रत के दौरान नमक का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए. अगर हो सके तो बिना नमक का भोजन ही करना चाहिए.
  • छठ व्रतधारी को रात्रि जागरण से बचना चाहिए, क्योंकि इसे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डालने वाला माना गया है. व्रतधारी को पूरा विश्राम करना चाहिए ताकि वह अगली सुबह उर्जा के साथ पूजा कर सकें.
  • छठ पूजा में मांसाहार, शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन वर्जित होता है. पूरे परिवार को इस नियम का पालन करना चाहिए.
  • छठ महापर्व में व्रतधारी को शांति और संयम के साथ समय बिताना चाहिए. किसी भी प्रकार के विवाद, गाली-गलौज या नकारात्मकता से दूर रहना चाहिए.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Chhath Mahaparva 2024 Chhath Puja 2024 Chhath Mahaparva Chhath Puja
      
Advertisment