Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती की आराधना और ज्ञान, बुद्धि, संगीत तथा कला के विकास के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन शुभ कार्यों को करने से विद्या, संतान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. लेकिन अगर इस दिन गलती से भी ये 5 कार्य कोई करता है तो ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इससे वे मां सरस्वती की कृपा से वंचित हो सकता है. आइए जानते हैं बसंत पंचमी पर किन 5 कार्यों से बचना चाहिए.
काले और गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचें
बसंत पंचमी का दिन पीले रंग को समर्पित होता है, क्योंकि यह रंग सौभाग्य, ज्ञान और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. इस दिन काले या गहरे रंग के कपड़े पहनना नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर सकता है. मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पीले, सफेद या हल्के रंग के वस्त्र धारण करें.
किताबों और वाद्ययंत्रों का अपमान न करें
मां सरस्वती विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी हैं. इस दिन किताबों, कलम, वाद्ययंत्रों और अन्य अध्ययन सामग्री का अनादर करने से बचना चाहिए. किताबों और कॉपियों को जमीन पर न रखें. पेन, पेंसिल और अन्य अध्ययन सामग्रियों को सम्मानपूर्वक रखें. इस दिन नए कार्यों की शुरुआत करें और बच्चों को विद्या आरंभ कराएं.
क्रोध और कठोर वाणी से बचें
बसंत पंचमी का दिन शांति, प्रेम और ज्ञान को समर्पित है. इस दिन गुस्सा करना, अपशब्द बोलना या झगड़ा करना मां सरस्वती की कृपा से वंचित कर सकता है. शांत रहें और वाणी को मधुर रखें. इस दिन किसी को अपशब्द कहने से बचें और सकारात्मक सोच अपनाएं.
तामसिक भोजन और नशे से बचें
बसंत पंचमी का दिन सात्विकता और पवित्रता का प्रतीक है. इस दिन मांस-मदिरा का सेवन, प्याज-लहसुन का उपयोग और नशे से बचना चाहिए. इस दिन सात्विक भोजन खिचड़ी, हलवा और पीले रंग के मीठे भोजन का सेवन करना चाहिए.
आलस्य और नकारात्मकता को न अपनाएं
मां सरस्वती विद्या, ज्ञान और कर्मठता की देवी हैं. इस दिन आलस्य करना, बिना किसी उद्देश्य के समय व्यर्थ करना या गलत संगति में बैठना अशुभ माना जाता है. पढ़ाई, लेखन, संगीत, कला और रचनात्मक कार्यों में भाग लें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)