Pooja Niyam: शास्त्रों के अनुसार, दोपहर में पूजा करना अनुचित माना जाता है. इसका मुख्य कारण है कि दोपहर का समय सूर्य के उच्च स्थान पर होता है, जिससे सूर्य की शक्ति सबसे अधिक होती है. इस समय में भगवान के प्रति पूजा करना संभवतः अयोग्य माना जाता है क्योंकि इस समय में भगवान की पूजा का मौन धारण करना अनुचित होता है. इसके अलावा, दोपहर में पूजा करने से निर्जन स्थिति में भगवान की पूजा करने की प्राप्ति नहीं होती है क्योंकि लोग सामाजिक और व्यापारिक कार्यों में व्यस्त होते हैं. इसलिए, पूजा को दिन के अन्य समयों में करना उचित माना जाता है, जैसे की प्रातः वेला या संध्या काल में. इन समयों पर पूजा करने से पूर्ण ध्यान और समर्पण की स्थिति में भगवान की प्राप्ति होती है. दोपहर के समय पूजा न करने के पीछे कई कारण हैं, जिनमें धार्मिक, ज्योतिषीय और व्यावहारिक कारण शामिल हैं.
धार्मिक कारण: हिंदू धर्म में, दोपहर का समय भगवान विष्णु के विश्राम का समय माना जाता है. इस समय पूजा करने से उन्हें विघ्न हो सकता है. कुछ धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि दोपहर का समय देवताओं के भोजन का समय होता है. इस समय पूजा करने से देवताओं का ध्यान भंग हो सकता है.
ज्योतिषीय कारण: दोपहर का समय सूर्य की उच्चतम स्थिति में होने का समय होता है. ज्योतिष में, सूर्य को एक तेजस्वी ग्रह माना जाता है, जो पूजा के लिए अनुकूल नहीं होता है. दोपहर का समय राहु काल माना जाता है. ज्योतिष में, राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जो पूजा के लिए शुभ नहीं होता है.
व्यावहारिक कारण: दोपहर का समय आमतौर पर काम करने का समय होता है. इस समय पूजा करने से लोगों का काम बाधित हो सकता है. दोपहर का समय भोजन का समय भी होता है. इस समय पूजा करने से लोगों का भोजन बाधित हो सकता है.
दोपहर के समय पूजा न करने का कोई कठोर नियम नहीं है. अगर कोई व्यक्ति दोपहर में पूजा करना चाहता है, तो वह कर सकता है. लेकिन, यदि कोई व्यक्ति पूजा का अधिक फल प्राप्त करना चाहता है, तो उसे सुबह या शाम के समय पूजा करना चाहिए.
सुबह की पूजा को सबसे शुभ माना जाता है. शाम की पूजा भी शुभ मानी जाती है. कुछ लोग रात में भी पूजा करते हैं. पूजा का समय व्यक्ति की सुविधा और इच्छा पर निर्भर करता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पूजा पूरे मन और श्रद्धा से की जाए.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Read Also: Baba Khatu Shyam: खाटू श्याम जी की असली कहानी क्या है? जानें क्या है उनका महत्व
Source : News Nation Bureau