logo-image

Diwali 2022: दिवाली के दिन मां लक्ष्मी के इस मंत्र के जाप से खुल सकते हैं आपके भाग्य

दीपोत्सव का त्योहार आज यानी की 24 अक्टूबर को है, ये त्योहार कार्तिक अमावस्या में पड़ने वाला सबसे श्रेष्ठ त्योहार है.इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.

Updated on: 24 Oct 2022, 07:45 AM

highlights

  • इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
  • पूजा के दौरान इन सामग्रियों का होना है जरूरी
  • मां लक्ष्मी के इस मंत्र के जाप से चमकेगी आपकी किस्मत

नई दिल्ली:

दीपोत्सव का त्योहार आज यानी की 24 अक्टूबर को है, ये त्योहार कार्तिक अमावस्या में पड़ने वाला सबसे श्रेष्ठ त्योहार है.इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है.घर में रिद्धि- सिद्धि के होने से घर में कभी किसी तरह की बाधा नहीं आती है.पौराणिक कथा के अनुसार आज ही के दिन भगवान श्री राम ने असुरों का संहार अपने घर अयोध्या लौटे थे,तभी इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में दीपक जलाई थी, कहते हैं इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान माता लक्ष्मी उत्पन्न हुई थी, तभी इसी दिन लक्ष्मी पूजन का भी विशेष महत्त्व है.इस दिन माता लक्ष्मी का पूजा-अर्चना करने से घर में सकारात्मकता बनीं रहती है और घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है. ऐसे में आइए हम आपको अपने इस लेख में बताते हैं लक्ष्मी पूजन का कब का मुहूर्त शुभ है, कौन से मंत्र का जाप करें कि घर में सुख-समृद्धि का वास हो.

ये भी पढ़ें-Diwali 2022: अगर आपके ऊपर है कोई दोष, तो जलाएं ये दीपक मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

दिवाली का शुभ मुहूर्त क्या है- 
अमावस्या तिथि पर पड़ने वाला ये त्योहार 24 अक्टूबर यानी की आज मनाया जा रहा है.दिवाली का शूभ मुहूर्त शाम 6:55 मिनट से रात 8:16 मिनट तक है,मुहूर्त का ध्यान रखते हुए सही समय पर पूजा-अर्चना करने से घर में सुख- समृद्धि का वास होता है.

दिवाली पूजन सामग्री- 
दिवाली में पूजा अर्चना के लिए पूजन सामग्री विशेष रुप से मायने रखती है, बता दें दिवाली में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजन में 
कमल का फूल, पान का पत्ता, मखाना, फूल माला, पानी फल जिसे कच्चा सिंघारा भी कहते हैं, शंख, चांदी का सिक्का, लाल वस्त्र का प्रयोग,गेहूं, जौ, हल्दी, धूप,आम के पल्लौ, दीप, हवन सामग्री का प्रयोग करें. 

लक्ष्मी पूजन विधि- 

लक्ष्मी पूजन की तैयारी में कलश में कुमकुम से स्वास्तिक बनाकर पूजा की शुरुआत करें.
हाथ में फूल, फल, पैसे, अक्षत, को लेकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें, फिर मां लक्ष्मी को अर्पित कर दें.
उसके बाद मां लक्ष्मी के प्रतिमा को तिलक लगाएं, इसके बाद बताशे,चीनी से निर्मित हाथी, खिलौने और सोने का आभूषण भगवान को अर्पित करें.
उसके बाद सहपरिवार कथा सुनें, और फिर आरती उतारें.

मां लक्ष्मी के कौन से मंत्र का करें जाप- 
मां लक्ष्मी का पूजा के दौरान ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः,ॐ श्रीं श्रीयै नम:,ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः मंत्र का 11 बार जाप करें, ऐसा करने से माता लक्ष्मी कभी आपसे नाराज नहीं होंगी.