Diwali 2020: दिवाली की रात दीये से काजल बनाने का क्या है धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व, यहां जानें
दिवाली का त्योहार आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज सभी हिंदुओं के घरों में माता लक्ष्मी की पूजा भी हो रही है. मां लक्ष्मी के स्वागत में घरों के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं और चारों ओर दीप जलाई जाती है.
नई दिल्ली:
दिवाली का त्योहार आज देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज सभी हिंदुओं के घरों में माता लक्ष्मी की पूजा भी हो रही है. मां लक्ष्मी के स्वागत में घरों के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं और चारों ओर दीप जलाई जाती है. तमाम उपाय करके आज मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के प्रयास किए जाते हैं. दिवाली पर तमाम मान्यताएं भी प्रचलित हैं, जिनमें से एक है दिवाली की रात को काजल बनाने की परंपरा.
दिवाली की रात भर घरों में दीये जलाए जाते हैं. लक्ष्मी-गणेश पूजा के बाद पूजा में इस्तेमाल किए गए दीपक से काजल बनाया जाता है और इसे घर के सभी सदस्य अपनी आंखों में लगाते हैं. इस काजल को घर की महत्वपूर्ण जगहें जैसे अलमारी, तिजोरी, खाना बनाने के चूल्हे पर भी लगाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से घर से तमाम बाधाएं दूर हो जाती हैं और घर में समृद्धि आती है.
यह प्रचलित मान्यता है कि काजल या काला टीका लगाने से बुरी शक्तियां दूर होती हैं. दिवाली के दीप से बनाया गया काजल लगाने से बुरी नजर नहीं लगती और घर की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं. इसका वैज्ञानिक महत्व यह है कि दिवाली पर प्रदूषण लेवल बहुत बढ़ जाता है और उसका असर आंखों पर सर्वाधिक होता है. प्रदूषण लेवल अधिक होने से कई लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं और पानी निकलने लगता है. काजल लगाने से प्रदूषण से आंखें सुरक्षित रहती हैं. आयुर्वेद में भी इस बात की पुष्टि की गई है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय