logo-image

Diwali 2020: मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती के साथ करें दिवाली की पूजा

दिवाली के दिन लोगों को पूरी पूजा विधि के साथ मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी जरूर पढ़नी चाहिए. आरती के बिना दिवाली की पूजा अधूरी मानी जाती है. यहां पढ़ें आरती.

Updated on: 14 Nov 2020, 11:18 AM

नई दिल्ली:

आज यानि शनिवार को देशभर में दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है. आज के दिन शाम में लोग घरों और दुकानों में दीए जलाकर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक,  आज के दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ  था इसलिए दिवाली को उनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. 

और पढ़ें: Diwali 2020: दीपावली पर करें ये अचूक उपाय, घर में मां लक्ष्मी का सदैव रहेगा वास

दिवाली के दिन लोगों को पूरी पूजा विधि के साथ मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा लक्ष्मी जी और गणेश जी की आरती भी जरूर पढ़नी चाहिए. आरती के बिना दिवाली की पूजा अधूरी मानी जाती है. यहां पढ़ें आरती.

1. भगवान गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,

चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे,

मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,

और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे,

संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,

कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत,

निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,

सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,

शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो,

जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,

जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती,

पिता महादेवा ॥

2. मां लक्ष्मी की आरती

मां लक्ष्‍मी की आरती
मां लक्ष्‍मी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

दुर्गा रूप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

मंत्र-

ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:, ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:, ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:, ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:, ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:, ॐ कामलक्ष्म्यै नम:,
ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:, ॐ योगलक्ष्म्यै नम:.

ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतो पिवा ।
य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर:।।

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः