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Diwali 2020 : छोटी दिवाली क्यों मनाई जाती है? पढ़ें इसके पीछे की कहानी

Diwali 2020 : इस बार दिवाली 14 नवंबर यानी शनिवार को मनाई जाएगी. दिवाली से ठीक पहले छोटी दिवाली मनाने का रिवाज है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी या काली चौदस भी कहते हैं. इस दिन भी दीया जलाने का रिवाज है.

Updated on: 07 Nov 2020, 03:39 PM

नई दिल्ली:

Diwali 2020 : इस बार दिवाली 14 नवंबर यानी शनिवार को मनाई जाएगी. दिवाली से ठीक पहले छोटी दिवाली मनाने का रिवाज है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी या काली चौदस भी कहते हैं. इस दिन भी दीया जलाने का रिवाज है. छोटी दिवाली पर दीया जलाने के पीछे एक पौराणिक मान्‍यता है, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे. 

माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने कार्तिक चतुर्दशी तिथि के दिन ही नरकासुर राक्षस का वध किया था, जिसके चलते इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है. नरकासुर का वध किसी स्‍त्री के द्वारा ही हो सकता था, इसीलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया. इनकी सहायता से ही श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया. नरकासुर ने 16,000 कन्याओं को बंदी बनाया था. नरकासुर का वध कर श्रीकृष्ण ने उन सभी कन्‍याओं को बंधनमुक्‍त कराया था. 

बंधनमुक्‍त होने के बाद सभी 16,000 कन्‍याओं ने श्रीकृष्ण से कहा कि अब समाज उन्‍हें स्‍वीकार नहीं करेगा तो वे क्‍या करेंगी. उन कन्‍याओं ने भगवान श्रीकृष्‍ण से कहा कि वे कुछ ऐसा करें कि उन्‍हें समाज में फिर से सम्‍मान प्राप्‍त हो सके. इस पर श्रीकृष्ण ने सभी कन्याओं से विवाह कर लिया. सत्यभामा ने भी इस काम में श्रीकृष्ण की मदद की. माना जाता है कि नरकासुर का वध करने, 16,000 कन्याओं को बंधन मुक्त कराने और फिर उनसे शादी के उपलक्ष्य में ही छोटी दिवाली मनाई जाने लगी.