logo-image

दिवाली 2019: दिवाली पर भूल से भी ना लाएं लक्ष्मी-गणेश की ये मूर्ति, बनी रहेगी आर्थिक तंगी

दीपावली के दिन पूजा करने के लिए मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति लाते हैं, लेकिन कौन सी मूर्ति लाई जाई इसके लिए सावधानी बरतनी पड़ती है

Updated on: 26 Oct 2019, 09:43 PM

नई दिल्ली:

दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. रविवार को दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्न विनाशक भगवान गणेश जी की पूजा होती है. लोग दीपावली के दिन पूजा करने के लिए मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति लाते हैं. लेकिन कौन सी मूर्ति लाई जाई इसके लिए सावधानी बरतनी पड़ती है. बहुत सोच-समझ के मूर्ति लानी होती है. अगर गलत मूर्ति लाते हैं तो पूरे साल पैसों की तंगी बनी रहेगी. इसलिए सही मूर्ति का चुनाव बहुत जरूरी होता है. मूर्ति लेते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

यह भी पढ़ें -दिवाली पर किले में तब्दील हुई दिल्ली, खुफिया एजेंसियों ने दी थी जैश के हमले की रिपोर्ट

1. शास्त्रों के अनुसार गणेश जी की मूर्ति में जनेउ, रंग, सूंड, वाहन, अस्त्र-शस्त्र, हाथों की संख्या और आकृति जैसी खास बातों को ध्यान रखना चाहिए. इन बातों को ध्यान में रखकर मूर्ति खरीद रहे हैं तो घर में धन का लाभ होता है.

2. बैठे हुए गणेश जी की मूर्ति लेना शुभ होता है. इस मूर्ति की पूजा करने से कामकाज में आने वाली रुकावटें भी खत्म होती हैं.

3. गणेश जी को वक्रतुंड कहा जाता है. मूर्ति में उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हुई होनी चाहिए. ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं.
हाथ में मोदक लिए हुए गणेश जी की मूर्ति सुख और संपत्ति का प्रतीक मानी जाती है. जिस मूर्ति में गणेश जी का वाहन न हो ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से दोष लगता है.

4. जब भी मां लक्ष्मी का पूजन विष्णु जी और गणेश जी के साथ करें तो हमेशा गणेश जी लक्ष्मी जी के दाहिने और विष्णु जी लक्ष्मी जी के बाएं होने चाहिए. सही तरीके से पूजन करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति होती है.

5. पूजा स्थल में लक्ष्मी मां की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए. लक्ष्मी मां की दो मूर्तियां आस-पास तो बिल्कुल नहीं रखनी चाहिए. ऐसा होने पर उस घर में कलह होती है.
घर में खंडित मूर्ति या मां लक्ष्मी का फटा हुआ चित्र नहीं रखना चाहिए. वास्तु और ज्योतिष दोनों के हिसाब से ही ये अशुभ हैं.

6. सिंहासन पर बैठे हुए गणेश लक्ष्मी की मांग अधिक होती है. लक्ष्मी जी को कमल अधिक प्रिय है, इसलिए कमल के फूलनुमा बने सिंहासन की भी विशेष मांग होती है.