Diwali 2019: ये है पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट, ध्यान से कर लें चेक
दिवाली (Diwali 2019) के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का भी काफी महत्व है. इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को पड़ रही है. ऐसे में लोगों की तैयारियां भी जोरों पर हैं.
नई दिल्ली:
दीपों का त्योहार कहे जाने वाली दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है जो भगवान राम की अयोध्या वापसी की खुशी में मनाई जाती है. भगवान राम इस दिन रावण पर विजय प्रप्त कर अयोध्या वापस लौटे थे और उनके स्वागत के लिए पूरे अयोध्या में दिए जलाए गए थे. इसी दिन को दिवाली के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन दिए जलाने का भी काफी महत्व होता है. यही कारण है कि इसे दीपों का पर्व कहा जाता है जो अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है. दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का भी काफी महत्व है. इस साल दिवाली 27 अक्टूबर को पड़ रही है. ऐसे में लोगों की तैयारियां भी जोरों पर हैं. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं उन सभी सामग्रियों की लिस्ट जो आपको पूजा के दौरान जरूर इस्तेमाल करनी चाहिए नहीं तो आपकी पूजा खंडित भी हो सकती है.
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थालियों की जानकारी
1. ग्यारह दीपक,
2. खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान,
3. फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक.
इन थालियों के सामने यजमान बैठे. आपके परिवार के सदस्य आपकी बाईं ओर बैठें. कोई आगंतुक हो तो वह आपके या आपके परिवार के सदस्यों के पीछे बैठे.
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पूजन सामग्री की लिस्ट
-धूप बत्ती (अगरबत्ती)
-चंदन
-कपूर
-केसर
-यज्ञोपवीत 5 * कुंकु
-चावल
-अबीर
-गुलाल, अभ्रक
-हल्दी
-सौभाग्य द्रव्य- मेहँदी, चूड़ी, काजल, पायजेब, बिछुड़ी आदि आभूषण.
-नाड़ा
-रुई
-रोली, सिंदूर
-सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, कमलगट्टे
-धनिया खड़ा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा
-पंच मेवा
-गंगाजल
-शहद (मधु) और शकर
-घृत (शुद्ध घी)
-दही
-दूध
-ऋतुफल (गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े इत्यादि)
-नैवेद्य या मिष्ठान्न (पेड़ा, मालपुए इत्यादि)
-इलायची (छोटी) लौंग
-मौली
-इत्र की शीशी
-तुलसी दल
-सिंहासन (चौकी, आसन)
-पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकर के पत्ते)
-औषधि (जटामॉसी, शिलाजीत आदि)
-लक्ष्मीजी का पाना (अथवा मूर्ति)
-गणेशजी की मूर्ति
-सरस्वती का चित्र
-चाँदी का सिक्का
-लक्ष्मीजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
-गणेशजी को अर्पित करने हेतु वस्त्र
-अम्बिका को अर्पित करने हेतु वस्त्र
-जल कलश (ताँबे या मिट्टी का)
-सफेद कपड़ा (आधा मीटर) और लाल कपड़ा (आधा मीटर)
-पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
-दीपक
-बड़े दीपक के लिए तेल
-ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
-श्रीफल (नारियल) * धान्य (चावल, गेहूँ)
-लेखनी (कलम) और बही-खाता, स्याही की दवात
-तुला (तराजू)
-पुष्प (गुलाब एवं लाल कमल)
-एक नई थैली में हल्दी की गाँठ
-खड़ा धनिया व दूर्वा आदि
-खील-बताशे
-अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र
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