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अयोध्‍या का संत समाज दोफाड़, महंत धर्मदास ने लगाया राम मंदिर के नाम पर ट्रस्ट में बंदरबांट का आरोप

अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल न किए जाने को लेकर अब अयोध्या के संत नाराज हैं. निर्वाणी अनी अखाड़ा की तरफ से मंदिर-मस्जिद मामले में पक्षकार रहे महंत धर्मदास ने ट्रस्ट पर सवाल उठाए हैं.

Updated on: 04 Dec 2020, 04:29 PM

अयोध्या:

अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल न किए जाने को लेकर अब अयोध्या के संत नाराज हैं. निर्वाणी अनी अखाड़ा की तरफ से मंदिर-मस्जिद मामले में पक्षकार रहे महंत धर्मदास ने ट्रस्ट पर सवाल उठाए हैं. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को महंत ने खूब खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा कि मंदिर के नाम पर बने ट्रस्ट में धन की बंदर बांट हो रही है. भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती ने भी ट्रस्ट को लेकर नाराजगी जताई. दोनों संत राम चबूतरा पर रामलला की पूजा करने वाले बाबा अभिराम दास की 39वीं पुण्यतिथि पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि चंपत राय राम मंदिर निर्माण में रोड़ा बन रहे हैं. सारी संपत्ति व आने वाला दान रामलला के लिए है, पर इसकी बंदरबांट की जा रही है, जो सही नहीं है. सभी ट्रस्टी व ट्रस्ट में शामिल संत-महंत केवल रामलला के सेवक हैं, कोई मालिक नहीं है.

महंत धर्मदास ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के बारे में कहा, वह राम मंदिर निर्माण की राह में रोड़ा बन रहे हैं. चंपत राय अयोध्या के साधुओं को अपमानित करते हैं. चंपत राय एंड कंपनी को अयोध्या से खदेड़ना होगा. बता दें कि महंत धर्मदास व रामविलास दास वेदांती को ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है, जिस कारण दोनों संत नाराज हैं.

श्रीराम जन्मभूमि न्यास के सदस्य पूर्व सांसद महंत रामविलास दास वेदांती ने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन में निर्वाणी अनी अखाड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, इसलिए ट्रस्ट में इसे शामिल किया जाना चाहिए.

वेदांती बोले, पूर्व में, राम जन्मभूमि न्यास में अशोक सिंघल के कहने पर मुझे शामिल किया गया था. नए बनाए गए ट्रस्ट में निर्वाणी अनी अखाड़ा को शामिल नहीं किया गया है. ट्रस्ट में हनुमानगढ़ी को भी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है.