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व्यसन और नकारात्मक विचार ले जाते हैं गलत रास्ते, बचने का जानें उपाय

व्यसन, गलत और नकारात्मक विचार इंसान को भ्रमित कर गलत रास्ते में धकेल देते हैं. सात्विकता, सुविचार और सकारात्मक सोच ही अमृत आनंद का समुचित रास्ता है. इनसे बचना और अपनों को भी बचाना हम सभी का दायित्व है. 

Updated on: 17 Dec 2020, 10:54 AM

इंदौर :

व्यसन, गलत और नकारात्मक विचार इंसान को भ्रमित कर गलत रास्ते में धकेल देते हैं. सात्विकता, सुविचार और सकारात्मक सोच ही अमृत आनंद का समुचित रास्ता है. इनसे बचना और अपनों को भी बचाना हम सभी का दायित्व है. 

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यह बात उपाध्याय 108 उर्जयंत सागरजी महाराज ने बीसपंथी मंदिर मल्हारगंज पर कही. वह चातुर्मास कलश वितरण करने के मौके पर संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि जीव हिंसा से बचने के लिए साधु-साध्वी वर्षाकाल में एक ही स्थान पर स्थिरता कर अपनी तप आराधना सम्पन्न् करते हैं.

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इसके बाद विहार कर जाते हैं. संत नदी में बहते पानी के समान होते हैं. एक ही जगह ठहरने से मोह की उत्पन्न्ता संभव है.सभी जीव को कोई भी कर्म करने के पहले परिणाम पर जरूर विचार कर लेना चाहिए, क्योंकि परीक्षा अकेले में होती है किंतु परिणाम सभी के सामने होता हैं. इस अवसर पर उन्होंने सभी श्रध्दालुओं को धर्मवृद्धि का आशीर्वाद भी दिया.