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Devuthni Ekadashi 2019: पापों से मुक्ति पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ है ये व्रत

बताया जाता है कि भाद्रपक्ष की एकदशी को भगवान विष्णु ने शंखासुर नामक भयंकर राक्षस को मारा और फिर भारी थकान के बाद सो गए. इसके बाद 4 महीनें बाद वह अपनी निद्रा से उठे. देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है.

Updated on: 08 Nov 2019, 12:38 PM

नई दिल्ली:

Devuthni Ekadashi 2019: कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाए जाने वाले पर्व देवउठनी एकादशी का हिंदु धर्म में विशेष महत्व है. इस साल देशउठनी एकादशी 8 नवंबर को मनाई जाएगी. मान्‍यता है कि देवश्यनी एकादशी के बाद से सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं. जो की देवउठनी एकादशी पर ही आकर फिर से शुरू होते हैं. बता दें देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से परिवार पर प्रभु की विशेष कृपा बनी रहती है. साथ ही मां लक्ष्मी घर पर सदैव धन, संपदा और वैभव की वर्षा करती हैं. देवोत्थान एकादशी यानी 8 नवंबर को तुलसी विवाह की भी परंपरा है. इसी दिन से पंचभीका व्रत भी शुरू होता है, जिसे पांच दिन निराहार (निर्जला) रह कर करते हैं

बताया जाता है कि भाद्रपक्ष की एकदशी को भगवान विष्णु ने शंखासुर नामक भयंकर राक्षस को मारा और फिर भारी थकान के बाद सो गए. इसके बाद 4 महीनें बाद वह अपनी निद्रा से उठे. देवउठनी एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है.

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देवउठनी एकादशी (Devuthni Ekadashi) के दिन व्रत करने से मिलती है पापों से मुक्ति

मान्यता है कि देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी के दिन व्रत करने से लोगों को पापों से मुक्ति मिल जाती है. इन दिन पवित्र नदियों में स्नना करना चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इससे आपको सम्सत पापों से मुक्ति मिल जाती है और पुर्नजन्म का संकट खत्म हो जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण को अंगूर, रिव, अनार, केला, सिंघाड़ा आदि ऋतु फल भगवान विष्णु को अर्पित करना चाहिए. इसके बाद चरणामृत लेना चाहिए.

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देवउठनी एकादशी (Devuthni Ekadashi) का शुभ मुहूर्त

इसका शुभ मुहूर्त 8 नवंबर को शाम 7:55 से रात 10 बजे तक रहेगा. 8 नवंबर को विवाह करना अत्यधिक शुभ है. इस दिन से अन्य शुभ काम भी प्रारंभ हो जाएंगे. कार्तिक मास में अन्य शुभ वैवाहिक मुहूर्त भी हैं, जिसमें विवाह करना मंगलमय और शुभ रहेगा. 19, 20, 21, 22, 23, 28 और 30 नवंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं.