Dev diwali 2020: देव दीपावली पर क्यों करते हैं दीपदान, क्या है इसकी परंपरा
कार्तिक पूर्णिमा के दिन 30 नवंबर को इस बार देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. कोई नया काम शुरू करने के लिए इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन दीपदान करने की भी परंपरा चली आ रही है.
नई दिल्ली:
कार्तिक पूर्णिमा के दिन 30 नवंबर को इस बार देव दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. कोई नया काम शुरू करने के लिए इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन दीपदान करने की भी परंपरा चली आ रही है. इस दिन सुबह नदियों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य का स्मरण करते हुए उन्हें जल चढ़ाना चाहिए और मां-लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. देव दीपावली दरअसल देवताओं की दिवाली होती है, ऐसे में इस दिन देवताओं की आराधना करनी चाहिए और भगवान सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए.
सत्यनारायण भगवान की कथा सुनने के अलावा मां लक्ष्मी की पूजा करें. भगवान को मिठाई का भोग लगाएं. शाम को जगह-जगह दीप जलाएं. जाते हैं. इस दिन 'ॐ नमः शिवाय' का जाप भी करना चाहिए. इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने देवताओं के अनुग्रह पर त्रिपुरासुर नाम के तीन असुर भाइयों का वध किया था. त्रिपुरासुर के वध की खुशी में देवताओं ने भगवान शिव की नगरी काशी में उत्सव मनाया और दीप जलाकर पूरी काशी को रोशन कर दिया था. इसलिए इसे देव दीपावली भी कहा जाता है. माना जाता है कि हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवता काशी में आकर दिवाली मनाते हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर