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Vishvaghasra Paksha( Photo Credit : News Nation)
Vishvaghasra Paksha : वैदिक ज्योतिष के बारे में अगर आप जानते हैं तो आपको पता होगा कि पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक के बीच एक पक्ष होता है इस तरह महीने में दो पक्ष पड़ते हैं और हर पक्ष 15 दिनों का होता है. लेकिन ज्योतिष के जानकार ये भी बताते हैं कि चंद्रमा कभी भी एृक गति से नहीं चलता. ऐसी स्थिति में पक्ष 13 दिनों का हो जाता है जिसे ज्योतिष बेहद अशुभ मानते हैं. इस 13 दिनों के पक्ष को विश्वघस्र पक्ष कहा जाता है, जो विनाश की तरह लोगों के जीवन पर प्रभाव डालता है. 22 जून 2024 से शुरू हो चुके विश्वघस्र पक्ष के अगले 13 दिनों तक लोगों को बेहद सावधान रहना चाहिए. वैसे कुछ विद्वान इन 13 दिनों की तुलना महाभारत के युद्ध के समय जो ग्रह स्थिति बनी थी उससे भी कर रहे हैं.
महाभारत युद्ध के दौरान भी बनीं थी ये स्थिति
महाभारत युद्ध के समय जो 13 तिथियों का पक्ष था, वह शुक्ल पक्ष विश्वघस्र पक्ष था और उस समय सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण के बीच 13 तिथियों का पक्ष था. अब जो स्थिति बन रही है, वह महाभारत के 13 दिनों से अलग है.
कब-कब बनीं अमंगलकारी विश्वघस्त्र पक्ष की स्थिति ?
1) साल 2010 में मई के महीने में भी वैशाख शुक्ल पक्ष में 13 तिथियों का पक्ष आया था. अगर आपको ध्यान हो तो उस समय कई देशों में कई सरकारें गिर गईं थीं. मिस्त्र, लीबिया और टुनिशिया जैसे देशों में पूरी सत्ता बदल गई थी और यमन, भारत में पाकिस्तान में लोगों ने भ्रष्टाचार का जमकर विरोध किया था.
2) साल 2021 में सितंबर के महीने में भी विश्वघस्र पक्ष की स्थिति बनी थी और उस समय युक्रेन और रूस का विवाद युद्ध तक पहुंच गया था.
3) अब ये स्थिति साल 2024 में जून और जुलाई में बन रही है. ऐसे में इस बार विश्वघस्र पक्ष का प्रभाव भी अच्छा नहीं होगा. ज्योतिष के जानकारों की माने को इस बार अच्छी वर्षा होगी. भारत में कई जगहों पर वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति बनेगी. सबसे पहले बंगाल में बाढ़ की आशंका है. इन 13 दिनों में वृषभ राशि के प्रभाव से बिहार और झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश से जन धन का नुकसान भी होगा. दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की बात करें तो इस दौरान मेष राशि में मंगल पर शनि की दृष्टि पड़ने से मूसलाधार बारिश होगी. लेकिन दक्षिण भारत में कम बारिश की संभावना है.
29 जून 2024 को शनि के कुंभ राशि में वक्री होने से असामान्य वर्षा और भूकंप आने का डर है. ज्योतिष की मानें तो ये ऐसा विनाशक दिन भी हो सकता है जो इतिहास के पन्नों में बुरी याद की तरह दर्ज किया जाए. राजनीति के क्षेत्र में भी उतार-चढ़ाव आ सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau