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सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के लिए जारी किया 'लोगो'

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को गुरु तेग बहादुर के अप्रैल-मई 2021 के दौरान राज्यस्तर पर मनाए जाने वाले 400वें प्रकाश पर्व का वर्चुअल तरीके से लोगो जारी किया.

Updated on: 05 Dec 2020, 12:11 AM

चंडीगढ़:

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को गुरु तेग बहादुर के अप्रैल-मई 2021 के दौरान राज्यस्तर पर मनाए जाने वाले 400वें प्रकाश पर्व का वर्चुअल तरीके से लोगो जारी किया. पहले प्रस्तावित दो चरणों के जश्नों की जगह कोविड-19 महामारी के कारण अब यह जश्न एक ही चरण में मनाया जाएगा. समारोह के लिए कार्यकारी समिति की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि देश के धर्म निरपेक्ष ढांचे को देखते हुए जश्नों को सर्व धर्म वर्ष के तौर पर समर्पित किया जाए.

वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह भी तय किया गया कि मुख्य समारोह 23 अप्रैल 2021 को शुरू होकर एक मई को शानदार ढंग से समाप्त होगा. अमृतसर में गुरु तेग बहादुर के जन्म स्थान गुरु का महल से 23 अप्रैल को एक नगर कीर्तन शुरू होकर बाबा बकाला में पहुंचेगा.

पर्यटन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इस ऐतिहासिक मौके पर किए जाने वाले विकास कार्यों का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर से संबंधित राज्य के सभी 103 ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में विशेष विकास कार्य किए जाएंगे. उन्होंने सुझाव दिया कि इस संबंध में 80 गांवों में से प्रत्येक को 40-50 लाख रुपये और 23 शहरी क्षेत्रों को विकास के लिए एक करोड़ रुपये की राशि आवंटित की जाए.

अमरिंदर सिंह ने स्पीकर के. पी. राणा के उस सुझाव को भी स्वीकार किया, जिसमें कहा गया था कि गुरु तेग बहादुर से जुड़े दो कस्बों आनंदपुर साहिब और कीरतपुर के लिए अलग-अलग विकास परियोजनाएं और धनराशि निर्धारित की जानी चाहिए.

मुख्यमंत्री सिंह ने मुख्य सचिव विनी महाजन से कहा कि सभी संबंधित विभागों के सचिवों के साथ विचार-विमर्श करके परियोजनाओं और होने वाले खचरें की विस्तृत सूची तैयार की जाए और मंजूरी के लिए कार्यकारी समिति के समक्ष पेश की जाए.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यह सूची भारत सरकार को भी फंड के लिए भेजी जाए, क्योंकि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गुरु तेग बहादुर के प्रकाश पर्व जश्नों के लिए एक समिति बनाई जा चुकी है.

वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बैठक के दौरान बताया कि एक बार परियोजनाओं की सूची को अंतिम रूप दिए जाने के बाद उनके विभाग की तरफ से राज्य स्तर पर अपेक्षित फंडिंग की व्यवस्था कर दी जाएगी.