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Chhath Puja 2023 Niyam: छठ पूजा के नियम क्या है, जानें छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए क्या करें और क्या ना करें 

Chhath Puja Rules: भारत के पूर्वांचल में सबसे लोकप्रिय छठ का त्योहार आने वाला है. इस व्रत के कड़े नियम होते हैं. आपको इस दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना चाहिए आइए जानते हैं.

Updated on: 15 Nov 2023, 04:22 PM

नई दिल्ली :

Chhath Puja 2023: हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ का त्यौहार मनाया जाता है. इस पर्व पर सूर्यदेव की पूजा की विशेष पूजा का विधान है. मान्यता है कि ये व्रत करने से संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र का वरदान छठी मैया से मिलता है. छठ पूजा में नियमों का बहुत महत्व है जिनका पालन करना जरुरी है. इस पूजा के दौरान ऐसी कौन सी गलतियां हैं जिसे करने से आपका बचना चाहिए ताकि आपका व्रत भंग ना हो जाए ये जान लें. छठ पूजा 2023 कब है ये तिथि भी नोट कर लें. इस साल षष्ठी तिथि 18 नवंबर को सुबह 09 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और 19 नवंबर को सुबह 07 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगी, क्योंकि उदया तिथि 19 नवंबर को है इसलिए छठ पूजा 19 नवंबर को ही की जाएगी. तो आइए जानते हैं छठ पर्व के नियम क्या हैं. 

ये हैं छठ पर्व के नियम - ऐसे छठी मैया को करें प्रसन्न

कपड़ों के नियम - छठ पर्व में चार दिन शुद्ध कपड़े पहनने चाहिए साथ ही इस पूजा में कपड़ों में सिलाई नहीं होनी चाहिए. इसलिए महिलाएं साड़ी व आदमी धोती पहनें.

सोने के नियम - त्योहार के पुरे चार दिन व्रत करने वाले को जमीन पर सोना चाहिए. कम्बल या फिर चटाई का प्रयोग करना शुभ होता है.

खाने के नियम - छठ पूजा नियम के अनुसार चार दिनों तक घर में प्याज और लहसुन वर्जित होना चाहिए. सारे वर्ती आत्म शुद्धि के लिए केवल शुद्ध आहार का ही सेवन करें.

दान के नियम - पूजा के बाद सामर्थ्य के अनुसार ब्राम्हणों को भोजन करवाएं.

छठ पूजा का नियम - जो भी व्यक्ति छठ का व्रत रखता है उन सभी व्रत रखने वाले लोगों के पास बांस के सूप का होना अनिवार्य है.

छठ पूजा का प्रसाद - इसमें प्रसाद का खास महत्व है. प्रसाद में गेहूं और गुड़ के आटों से बना ठेकुआ और फलों में केले प्रमुख होते हैं.

छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने का नियम - अर्घ्य देते गन्ना होना आवश्यक है. सभी वर्तियों को गन्ने से भगवान सूर्य को अर्घ्य देया चाहिए.

छठ पूजा के दौरान ना करें ये गलती - सबसे अहम नियम ये है कि छठ पूजा के इन चार दिनों तक घर में मांस मदिरा का सेवन नहीं होना चाहिए.

भोजन का नियम - सात्विक भोजन होना अनिवार्य है. छठ पूजा नियम में संपूर्ण सामग्री होना बहुत ही जरुरी है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)