Chhath Puja 2021: आज से छठ का महापर्व शुरू, ये है पूजा की विधि
Chhath Puja 2021 : तीन दिन तक चलने वाली छठ पूजा कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि से शुरू होती है. शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मनाया जाता है.
नई दिल्ली।:
Chhath Puja 2021 : तीन दिन तक चलने वाली छठ पूजा कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थ तिथि से शुरू होती है. शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ महापर्व मनाया जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में छठ का महापर्व बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. छठ के दौरान महिलाएं लगभग 36 घंटे का कठिन व्रत रखती हैं। छठ के दौरान छठी मईया और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना होती है। छठी मईया सूर्य देव की मानस बहन हैं. छठ पूजा का पावन पर्व दिवाली के छह दिनों के बाद मनाया जाता है. इस साल 8 नवंबर से छठ पूजा की शुरुआत होने जा रही है.
पूजा-विधि
छठ का महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है. नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरुआत की जाती है.
नहाय- खाय
8 नवंबर 2021 को नहाय-खाय होगा. नहाय खाय के दिन पूरे घर की साफ-सफाई करी जाती है. स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प करा जाता है. इस दिन चना दाल,कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करा जाता है. अगले दिन खरना से व्रत की शुरुआत की जाती है.
खरना
खरना 9 नवंबर 2021 से किया जाएगा. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं. शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ वाली खीर का प्रसाद तैयार किया जाता है. इसके बाद सूर्य देव की पूजा होती है। बाद में इस प्रसाद को ग्रहण किया जाता है। इसके बाद व्रत का पारणा छठ के समापन के बाद ही किया जाता है. खरना के अगले दिन सूर्य को अर्घ्य देते हैं।खरना के अगले दिन शाम के वक्त महिलाएं नदी या तालाब में खड़ी होकर सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं. इस साल 10 नवंबर 2021 को शाम को सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.
छठ पर्व का समापन
खरना के अगले दिन छठ का समापन होता है. इस साल 11 नवंबर को इस महापर्व का समापन होगा. इस दौरान महिलाएं सूर्योदय से पहले ही नदी या तालाब के पानी में उतर जाती हैं। इसके साथ सूर्यदेव से प्रार्थना करती हैं. इसके बाद उगते सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पूजा का समापन कर व्रत को तोड़ा जाता है.
छठ पूजा सामग्री की सूची
पूजा के इन सामग्री की आवश्यकता होती है. प्रसाद को रखने के लिए बांस की टोकरियां, बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहा जाता है. शहद, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर