Chhath Puja 2016 : जानें, छठ महापर्व का इतिहास और सबसे पहले किसने शुरू की ये पूजा

हिंदू धर्म में मान्यता है कि छठ देवी सूर्यदेव की बहन हैं। इसलिए छठ पर छठ देवी को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव को प्रसन्न किया जाता है।

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sunita mishra
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Chhath Puja 2016 : जानें, छठ महापर्व का इतिहास और सबसे पहले किसने शुरू की ये पूजा

Chhath Puja 2016 : जानें, छठ महापर्व का इतिहास और सबसे पहले किसने शुरू की ये पूजा

हिंदू धर्म में मान्यता है कि छठ देवी सूर्यदेव की बहन हैं। इसलिए छठ पर छठ देवी को प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव को प्रसन्न किया जाता है। इसे गंगा-यमुना या किसी भी नदी, सरोवर के तट पर सूर्यदेव की आराधना की जाती है।

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महाभारत काल में

प्राचीन काल से ही छठ पूजा का विशेष महत्व रहा है। इसका आरंभ महाभारत काल में कुंती ने किया था। सूर्य की आराधना से ही कुंती को पुत्र कर्ण की प्राप्ति हुई थी। इसके बाद कुंती पुत्र कर्ण ने सूर्य देव की पूजा शुरू की, वह भगवान सूर्य का परम भक्त था, प्रतिदिन घंटों कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देता था। सूर्य की कृपा पाकर ही वह आगे चलकर महान योद्धा और दानी बना। इसलिए आज भी छठ पूजा में अर्घ्य दान की पद्धति प्रचलित है।

वहीं दूसरी ओर पांडवों की पत्नी द्रौपदी को भी नित्य सूर्य की पूजा करने के लिए जाना जाता है। वे अपने परिजनों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना और लंबी उम्र के लिए नियमित सूर्य देव की पूजा किया करती थी। जब पांडव अपना सारा राजपाट जुए में हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठ का व्रत रखा था। इस छठ के व्रत से द्रौपदी की सभी मनोकामनाएं पूरी हुईं साथ ही पांडवों को राजपाट भी वापस मिल गया।

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रामायण में

छठ पर्व का रामायण में भी उल्लेख किया गया है। लंका विजय के बाद रामराज्य की स्थापना के दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को भगवान राम और माता सीता ने उपवास किया था और भगवान सूर्यदेव की आराधना की थी, जिससे सप्तमी को सूर्योदय के समय पुनः अनुष्ठान कर उन्होंने सूर्यदेव से आशीर्वाद प्राप्त किया था।

छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है। पटाखों के धमाके और लाउडस्पीकर के शोर से दूर यह पर्व बांस से बनें सूप, टोकरी, मिट्टी के बर्तनों, गन्ने के रस, गुड़, चावल और गेहूं से बनें प्रसाद और सुमधुर लोक गीतों से सबके जीवन में भरपूर मिठास भरने का काम करता है।

Source : Sunita Mishra

Chhath puja History Chhath Puja 2016
      
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