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चाणक्य नीति: चाणक्य ने बताए हैं व्यक्ति को परखने के यह चार उपाय

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी बातें बताई हैं जिससे व्यक्ति को परखा जा सकता है. जिन लोगों में ये गुण होते हैं उनके ऊपर विश्वास किया जा सकता है. तो आइए जानते हैं कि कौन से हैं वे गुण. 

Updated on: 26 Jun 2021, 11:00 AM

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आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) की अर्थनीति, कूटनीति और राजनीति विश्वविख्यात है, जो हर एक को प्रेरणा देने वाली है. चंद्रगुप्त मौर्य के गुरु और सलाहकार आचार्य चाणक्य के बुद्धिमत्ता और नीतियों से ही नंद वंश को नष्ट कर मौर्य वंश की स्थापना की थी. आचार्य चाणक्य ने ही चंद्रगुप्त को अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण बालक से शासक के रूप में स्थापित किया. अर्थशास्त्र के कुशाग्र होने के कारण इन्हें कौटिल्य कहा जाता था. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र के जरिए जीवन से जुड़ी समस्याओं का समाधान बताया है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति से मित्रता करते समय या संबंध जोड़ते समय कुछ बातों को यदि ध्यान में रखा जाए तो आने वाले समय में धोखा खाने से बचा जा सकता है. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसी बातें बताई हैं जिससे व्यक्ति को परखा जा सकता है. जिन लोगों में ये गुण होते हैं उनके ऊपर विश्वास किया जा सकता है. तो आइए जानते हैं कि कौन से हैं वे गुण. 

त्याग का गुण

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति में त्याग का गुण होता है उस पर विश्वास किया जा सकता है. जो लोग अपने से पहले दूसरों के बारे में सोचते हैं और उनके लिए स्वयं की खुशियों का त्याग करने को भी तैयार रहते हैं. जो लोग स्वार्थी नहीं होते हैं. ऐसे व्यक्ति के साथ संबंध जोड़ने पर आपको धोखा नहीं मिलता है. 

दान की भावना

दान देने का तात्पर्य केवल किसी को धन देना नहीं होता है बल्कि किसी की निस्वार्थ भाव से मदद करना, परोपकार के कार्य करना भी दान कर्म के अंतर्गत आता है. जिन लोगों में ये भावना होती है वे दिल के अच्छे इंसान होते हैं और किसी को कष्ट पहुंचते हुए नहीं देख सकते हैं. ऐसे लोगों के साथ मित्रता करने या संबंध जोड़ने पर व्यक्ति को धोखा नहीं मिलता है.


धर्म के मार्ग पर चलने वाला

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति धर्म के मार्ग पर चलते हुए धन कमाता है. उसके ऊपर विश्वास किया जा सकता है. ऐसे लोग सदैव सही मार्ग पर चलते हैं और किसी के साथ गलत नहीं करते हैं, इसलिए ऐसे लोगों के साथ मित्रता की जा सकती है.

सत्य के मार्ग पर चलने वाले

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग सत्य बोलते हैं और सत्य के लिए आवाज उठाते हैं उनसे संबंध जोड़ने पर व्यक्ति को कभी धोखा नहीं मिलता है. इसके विपरित जो लोग असत्य बोलते हैं उनसे सदैव दूर रहना चाहिए. ऐसे लोग स्वयं के हित के लिए आपको भी परेशानी में डाल देते हैं.