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Chanakya Niti: चाणक्य नीति में छुपा है सफल जीवन का रहस्य, पढ़ें यहां

आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र की रचना की. इसमें उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से लोगों को कई महत्वपूर्ण बातें बताने की कोशिश की.

Updated on: 24 Feb 2021, 09:25 AM

नई दिल्ली:

जीवन में हर कोई एक सफल व्यक्ति बनना चाहता है. सफलता के लिए हर व्यक्ति सभी तरह की संभव कोशिश और मेहनत करता है. लेकिन इसके बाद भी बहुत से लोगों को सफलता की ऊंचाईयां हासिल नहीं होती है. आज हम चाणक्य नीति के बारे में बताएंगे जो कि आपको जीवन में सफल बनाने में कारगार साबित होगी. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र की रचना की. इसमें उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से लोगों को कई महत्वपूर्ण बातें बताने की कोशिश की. चाणक्य की नीतियां व्यक्ति के गुणों में बढ़ोतरी करने का कार्य करता है. इसके साथ ही चाणक्य नीति व्यक्ति को सफल बनने के लिए भी प्रेरित और मदद करती है. 

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चाणक्य का मानना था कि व्यक्ति को सफल होने के लिए बहुत अधिक विशेष गुणों की आवश्यकता नहीं होती है. व्यक्ति कभी कभी एक गुण से ही सफलता प्राप्त कर सकता है. चाणक्य नीति के मुताबिक, एक श्रेष्ठ गुण ही व्यक्ति को सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचा सकता है.

एकेन शुष्कवृक्षेण दह्ममानेन वहिृना।
दह्मते तद्वनं सर्वं कुपुत्रेण कुलं यथा।

चाणक्य नीति के इस श्लोक का भाव ये है कि जिस प्रकार से जंगल में सूखे वृक्ष में आग लगने से संपूर्ण वन जलकर खाक हो जाता है, इसी प्रकार कुपुत्र पैदा होने पर पूरा कुल नष्ट हो जाता है और अपयश की प्राप्ति होती है. चाणक्य की इन दोनों ही बातों का अर्थ ये भी है कि गुण से युक्त व्यक्ति सम्मान पाता है और अवगुण धारण करने वाला व्यक्ति अपयश दिलाने का कार्य करता है इसलिए सदैव गुणवान बनाना चाहिए.

एकेनापि सुवर्ण पुष्पितेन सुगंधिना।
वसितं तद्वनं सर्वं सुपुत्रेण कुलं यथा।

चाणक्य के इस श्लोक का अर्थ है कि गुणवान व्यक्ति अपने एक गुण से ही सभी के बीच अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहता है. वह एक गुण की उसकी संपूर्ण पहचान बन जाता है. चाणक्य कहते हैं कि जिस तरह से संपूर्ण वन में सुंदर फूलों वाला एक पौधा ही अपनी सुगंध से पूरे वन को सुंगधित कर सकता है. ठीक उसी तरह से एक सुपुत्र ही पूरे कुल का नाम रोशन करने के लिए काफी होता है.

चाणक्य के अनुसार जिन व्यक्तियों में रचनात्मकता होती है, वे हर कार्य को चुनौती मान कर करते हैं. ऐसे लोग नकारत्मक नहीं होते हैं बल्कि हर कार्य को लेकर इनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है. ऐसे लोग समस्या नहीं बल्कि समस्याओं का हल बताने पर अधिक यकींन करते हैं.

चाणक्य के मुताबिक, अगर मनुष्य को जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो हमेशा हारे हुए की सलाह ध्यान से सुननी चाहिए, क्योंकि हारे हुए व्यक्ति को जो अनुभव होता है, वह उसके अनुसार आपको सही सलाह देता है. जिससे आप उसकी गलतियों से सबक लेकर आगे बढ़ सकते हैं और जीवन में सफल हो सकते हैं.

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जीवन में सफल होने के लिए सबसे जरुरी है स्वयं की समझ को विकसित करना है. अपने दिमाग की मदद से ही व्यक्ति सही और गलत का फैसला लेने में सक्षम होता है. किस व्यक्ति की सलाह लेनी है और उसे किस तरह से अपने जीवन में उतारना है। इसका निर्णय करने के लिए भी दिमाग की समझ अच्छी होना जरूरी है.

चाण्क्य के मुताबिक, रचनात्मक व्यक्ति के पास स्वयं के मौलिक विचार होते हैं. जो व्यक्ति दूसरों के अच्छे विचारों के साथ स्वयं के मौलिक विचारों का समन्वय स्थापित करते हुए कार्य को पूर्ण करते हैं ऐसे व्यक्ति सभी के प्रिय और सम्मान प्राप्त करने वाले होते हैं.